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IAS Avnish Sharan:– दिल्ली में कोचिंग हादसे में सिविल सेवा अभ्यर्थियों के जान गंवाने के बाद छत्तीसगढ़ के इस जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों की जांच हेतु प्रशासन ने बनाई कमेटी


IAS Avnish Sharan:– दिल्ली के कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई। इसके बाद बिलासपुर में संचालित विभिन्न कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों की जांच हेतु बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने एसडीएम के अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसे पांच बिंदुओं में जांच कर दस दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।


बिलासपुर bilaspur।  दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भरने से पिछले दिनों तीन छात्रों की मौत हो गई थी।  उससे एक सप्ताह पहले एक छात्र की कोचिंग में करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी धरने में बैठे हैं। मामले में कोचिंग संचालक और उसके सीईओ को पुलिस ने जेल भेज दिया है। वही कोचिंग में होने वाले हादसों को हादसे से पहले ही निपटने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का गढ़ माने जाने वाले बिलासपुर में जिला प्रशासन ने कोचिंगों की जांच के लिए टीमें गठित की है।



दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव स्टडी सर्किल के बेसमेंट में बने पार्किंग में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। उससे पहले भी दिल्ली के कोचिंग में करंट लगने से छात्र की मौत हुई थी। शाम शुरू हुई बारिश में पानी का दबाव इतना बढ़ा कि बेसमेंट की लाइब्रेरी में बना कांच का दरवाजा टूट गया और पानी तेजी से आकर बेसमेंट में भर गया। जिससे तीन छात्रों की डूब कर मौत हो गई। हादसे के बाद अक्रोशित दिल्ली के छात्रों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। कल दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी आंदोलनरत छात्रों से मुलाकात की थी। हादसे के बाद राव स्टडी सर्किल के सीईओ और मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नगर निगम द्वारा नक्शा पास करने के मामले में भी पुलिस कार्यवाही करने वाली है। इस दुखद हादसे की देशभर में चर्चा हुई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने अभ्यर्थियों की सुरक्षा हेतु कदम उठाया है।



बता दे कि छत्तीसगढ़ का दुर्ग स्थित भिलाई जिस तरह से इंजीनियरिंग में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाला गढ़ है, ठीक उसी प्रकार बिलासपुर पीएससी, यूपीएससी, नेट, स्लेट, सिविल जज, एडीपीओ, व्यापम आदि भर्ती परीक्षाओं की तैयारियां करवाने वाला गढ़ है। बिलासपुर का गांधी चौक कोचिंगों  का हब माना जाता है। यहां बड़ी संख्या में कई कोचिंग कॉम्प्लेक्स व बिल्डिंगों में संचालित है। कई कोशिकाओं के खुद के भवन हैं तो वही कई कोचिंग किराए के भवनों में संचालित है। प्रदेश भर के युवा यहां आकर भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। जिसके लिए वे हॉस्टलों में रूम लेकर रहते हैं। गांधी चौक के अलावा शहर के अलग-अलग हिस्सों में भी कई कोचिंग संचालित है।

अब बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने कोचिंग में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिससे अभ्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।  कलेक्टर द्वारा बनाई गई कमेटी में एसडीम बिलासपुर अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा एडिशनल एसपी शहर, अप्रयुक्त नगर पालिका निगम, होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट, अपर संचालक उच्च शिक्षा सदस्य होंगे।  जांच दल को पांच बिंदुओं में 10 दिवस के भीतर अपना जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करवाना होगा।

ये हैं बिंदु….

1–सुरक्षा मानकों के अनुपालन की स्थिति

2– भवन अनुज्ञा का अनुपालन

3– फायर एग्जिट की व्यवस्था

4– कोचिंग संस्थान में प्रवेश  एवं निकाय द्वारा की पर्याप्त व्यवस्था

5– आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था

बता दे कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी 2009 बैच के आईएएस अवनीश शरण लगातार परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को मोटिवेट करते रहते हैं और टिप्स देते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली के कोचिंगों की सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक सच्चाई बताई।

अवनीश शरण ने एक्स पर पोस्ट कर बताया है कि ‘मुझे याद है जब प्रिलिम्स की परीक्षा देने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए मैं दिल्ली पहुंचा। मुखर्जी नगर में एक बड़े कोचिंग संस्थान के कर्ताधर्ता से जब मुख्य परीक्षा के लिए मार्गदर्शन मांगा तो उन्होंने मेरी शैक्षणिक पृष्ठभूमि जानने के बाद बोला कि “तुम्हारा इस साल प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं होगा मेरे संस्थान में 2 साल का कंप्लीट पैकेज लो, मैं इतना   फ्रस्ट्रेट हुआ कि दो-तीन दिन संभलने में लगे।

अवनीश शरण ने आगे बताया कि “ऐसे ही कोचिंग संस्थान के मालिक आपका रिजल्ट आने के बाद कॉल कर फोटो और बायोडाटा के लिए रिक्वेस्ट करते हैं।” आईएएस के पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया कि ” फिर भी आपने ये बात बताने में काफी समय ले लिया, जैसे हर बार मार्कशीट वाली बात बताते थे, अगर साथ में ये बात भी बताते तो बच्चे मोटिवेट होते और उनका आत्मबल बढ़ता। जिसके जवाब में अवनीश शरण ने रिप्लाई किया कि “हमेशा कहा है. देखिए ठीक से. मैं कोचिंग संस्थानों का कतई विरोधी नहीं हूं. लेकिन कोचिंग के व्यवसायीकरण में मुझे समस्या हैं.”

आईएएस अवनीश शरण दसवीं कक्षा में मात्र 44% अंको से पास हुए थे। इसके बाद उन्होंने लगातार मेहनत की।  दस बार विभिन्न राज्यों की राज्य सिविल सर्विसेस की प्रारंभिक परीक्षा भी क्वालीफाई नही कर सके थे। बावजूद इसके कड़ी मेहनत से दूसरे ही प्रयास में 77 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने।

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