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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ रतनपुर में — पालकी पर आईं मां दुर्गा, भारी वर्षा और आपदा के संकेत

रतनपुर | 26 जून 2025
रतनपुर स्थित श्री सिद्ध तंत्रपीठ भैरव बाबा मंदिर में गुरुवार से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का विधिवत शुभारंभ हुआ। यह विशेष साधना पर्व 4 जुलाई तक चलेगा। भक्तों ने अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना कर देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की।

तंत्र साधना का विशेष काल

गुप्त नवरात्रि, सनातन धर्म में अत्यंत गोपनीय और शक्तिसाधना से जुड़ा पर्व माना जाता है।
रतनपुर, जो कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख शक्ति पीठों में शामिल है, विशेष रूप से तांत्रिक साधकों का केंद्र बन गया है।
भैरव बाबा मंदिर में रात्रीकालीन विशेष पूजन, चंडी पाठ और तांत्रिक विधियों से अनुष्ठान जारी हैं।

महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी ने जानकारी दी:

यह समय देवी के नौ गुप्त स्वरूपों की आराधना के लिए सर्वोत्तम होता है। सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान हर दिन आयोजित किए जा रहे हैं।

पालकी पर माता का आगमनसंभावित असंतुलन का संकेत

इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन पालकी (डोली) में हुआ है, जिसे धार्मिक परंपराओं में एक चेतावनी सूचक संकेत माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार जब देवी पालकी में आती हैं, तो यह वर्षा अधिक होने, जल प्रकोप अथवा प्राकृतिक आपदा का संकेत देता है।

महंत अवस्थी ने कहा:

पालकी में माता का आगमन विशेष ध्यान देने योग्य स्थिति है। यह दर्शाता है कि प्रकृति संतुलन की ओर संकेत दे रही हैअतः श्रद्धालु केवल पूजा में नहीं, बल्कि सजगता में भी शामिल हों।

श्रद्धालुओं के लिए संयम और साधना का समय
व्रती इन नौ दिनों में फलाहार या निराहार रहकर पूजा करते हैं।
कलश स्थापना, देवी पाठ, सप्तशती, हवन और कन्या पूजन जैसे अनुष्ठानों का पालन किया जाता है।
यह काल विशेष रूप से तांत्रिक उपासकों, गुप्त साधकों और सिद्धि प्राप्ति के आकांक्षियों के लिए अनुकूल माना गया है।

गुप्त नवरात्रि की प्रमुख तिथियाँ:

तिथि अनुष्ठान


26
जून प्रतिपदा, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा
27
जून – 3 जुलाई देवी के नौ गुप्त स्वरूपों की उपासना, चंडी पाठ, तांत्रिक पूजन
4
जुलाई नवमी, हवन, कन्या पूजन, पूर्णाहुति

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