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धमतरी भर्ती विवाद: सच्चाई की तलाश में हाईकोर्ट पहुँची महिला कर्मचारी”• “भ्रष्ट सिस्टम की बली चढ़ी मधु तिवारी?”• “चयन समिति बनी न्यायाधीश: कहां गया न्याय का सिद्धांत?”

🛑 विशेष रिपोर्ट | भ्रष्टाचार की परतें और न्याय की गुहार

मधु तिवारी केस: एक महिला कर्मचारी को बलि का बकरा बनाने की साज़िश?

📍 धमतरी | छत्तीसगढ़

रविवार को खुला राज्य कार्यालय, बैकडेट में सेवा समाप्ति आदेश?
चयन समिति ही बनी जांचकर्ता, न्यायिक प्रक्रिया पर बड़ा सवाल!
हाईकोर्ट जाएंगी मधु तिवारी, कहा – “सिर्फ मुझे दोषी क्यों?”

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। महिला स्वास्थ्यकर्मी मधु तिवारी को कथित रूप से झूठे आरोपों और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। अब उन्होंने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है।

🔍 पूरा मामला क्या है?

पूर्व में एक आपराधिक मामले में जेल जा चुके टोमन कौशिक नामक व्यक्ति की शिकायत पर मधु तिवारी पर कार्रवाई की गई, जबकि उस शिकायत की कोई स्वतंत्र, निष्पक्ष और वैध जांच नहीं की गई।
चौंकाने वाली बात – वही अधिकारी जिन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया चलाई, उन्हीं से जांच भी करवा ली गई।

“नेचुरल जस्टिस (प्राकृतिक न्याय) कहता है कि कोई व्यक्ति अपने ही निर्णय पर न्याय नहीं कर सकता।”

⚠️ कौन-कौन शक के घेरे में हैं?
• सीएमएचओ डॉ. यूएल कौशिक
• डीपीएम डॉ. प्रिया कँवर
• टोमन कौशिक (बर्खास्त कर्मचारी, शिकायतकर्ता)
• चयन समिति के सदस्य, जिन्होंने खुद जांच भी की

सूत्रों के अनुसार, टोमन कौशिक को नियमों के विरुद्ध पुनर्नियुक्त किया गया। उसकी नियुक्ति के लिए अधिकारियों ने तथ्यों को तत्कालीन कलेक्टर नम्रता गांधी से भी छिपाया।

🧾 कार्रवाई पर सवाल क्यों उठे?
• रविवार के अवकाश के दिन राज्य NHM कार्यालय से सेवा समाप्ति आदेश जारी किया गया, जो संदेहास्पद है।
• विधानसभा में भर्ती भ्रष्टाचार पर सवाल पूछे जाने से एक दिन पहले कार्रवाई की गई – क्या यह राजनीतिक दबाव का नतीजा है?

❓ क्या अकेले मधु तिवारी ही दोषी हैं?

अगर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी थी, तो सिर्फ मधु तिवारी पर कार्रवाई क्यों?
चयन समिति, तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे, और डीपीएम राजीव बघेल पर क्यों कोई सवाल नहीं?

🧑‍⚖️ अब हाईकोर्ट में न्याय की तलाश

मधु तिवारी ने कहा:

“अगर मैं दोषी हूं, तो चयन समिति और वरिष्ठ अधिकारी निर्दोष कैसे हो सकते हैं? मैं हाईकोर्ट जाऊंगी और सच्चाई सामने लाऊंगी।”

🎯 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
1. झूठे आरोप और मानसिक उत्पीड़न का आरोप
2. रविवार को सेवा समाप्ति – बैकडेट की आशंका
3. चयन समिति खुद बनी जांचकर्ता – न्याय के खिलाफ
4. बर्खास्त कर्मचारी की शिकायत पर कार्रवाई – उच्च अफसर बचे
5. मधु तिवारी हाईकोर्ट जाएंगी – साज़िश का पर्दाफाश करेंगे

📺 यह सिर्फ नौकरी नहीं, एक सिस्टम के अन्याय की कहानी है।

क्या न्याय मिलेगा या फिर एक और महिला कर्मचारी को सत्ता की बलि चढ़ा दिया जाएगा?

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