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कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ

 

दोरनापाल हाई स्कूल मैदान में 3 दिसम्बर से 9 दिसंबर तक चलेगी भागवत कथा

 

दोरनापाल नगर के मैदान में मंगलवार से आयोजित 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान महिलाएं सिर पर कलश लिए चल रहीं थीं। भक्ति संगीत में झूमते श्रद्धालु जयकारे लगाते चल रहे। कथा 3 दिसंबर से प्रतिदिन संध्या 6 बजे से प्रारंभ होकर 9 बजे तक संचालित होगा। कथा का समापन 10 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ भव्य भंडारा होगा
आज कलश यात्रा मैदान से आरंभ हुई और महिलाए शबरी नदी के तट पर कलश में जल भरकर नगर के प्रमुख मार्गों पर भ्रमण किया गया। कलश यात्रा में मुख्य यजमान पोथी सिर पर धारण कर चल रहे थे। इस दौरान लोगों ने पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया गया। नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ शोभायात्रा के दौरान बैंड बाजा और भक्ति संगीत के बीच नाचते गाते श्रद्धालु चल रहे थे। यहां मुख्य यजमान ने व्यासपीठ का पूजन कर श्रीमद भागवत महापुराण का शुभारंभ करवाया। इस मौक़े पर अध्यक्ष संजय शुक्ला, उपाध्यक्ष सुरेश सिंह चौहान, रिंकू प्रसाद गुप्ता, दुलाल मिस्त्री, बलवंत चौहान, मनीष गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, अर्जित हलदर, व सभी भक्तगण नगर की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कलश यात्रा का बड़ा आध्यात्मिक महत्व

 

वृंदावन से पधारे कथावाचक पूज्या सुश्री दीपा किशोरी जी ने पहले दिन कलश यात्रा के आध्यात्मिक महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कलश यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है। कलश यात्रा में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ- साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। । वहीं कलश यात्रा में शामिल होने वाले जहां से भी भ्रमण करते हैं, वहां की धरा स्वयं सिद्ध होती जाती है, जो कलश रखते हैं उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र करते हैं।

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