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पुलिस स्थापना बोर्ड ही कांस्टेबल का एक से दूसरे जोन में कर सकता है स्थानांतरणमामला PHQ का-हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी राहत और ये कहा….

CG high court Bilaspur- किसी आरक्षक का एक जोन से दूसरे जोन या एक से दूसरे रेंज में स्थानांतरण का अधिकार सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड को स्थानांतरण का अधिकार है। किसी एक अधिकारी काे यह अधिकार नहीं दिया गया है।
बिलासपुर। पुलिस विभाग में काम करने वाले कांस्टेबलों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। PHQ में पदस्थ एक कांस्टेबल का स्थानांतरण सहायक पुलिस महानिरीक्षक दूरसंचार ने बीजापुर तबादला कर दिया था। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पुलिस एक्ट में दिए गए प्रावधान की जानकारी होई कोर्ट को दी। इसमें साफ लिखा है कि पुलिस के कांस्टेबल का एक से दूसरे रेंज या फिर एक से दूसरे जोन में तबादला करने का अधिकार पुृलिस स्थापना बोर्ड को है। पुलिस एक्ट में दिए गए दिशा निर्देशों व गाइड लाइन के आधार पर हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत दी है। पुलिस स्थापना बोर्ड में अभ्यावेदन पेश करने और याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर 90 के भीतर निराकरण करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।

भिलाई निवासी संजय कुमार वर्मा, पुलिस मुख्यालय, दूरसंचार विभाग, रायपुर में आरक्षक (दूरसंचार) के पद पर पदस्थ थे। सहायक पुलिस महानिरीक्षक (दूरसंचार) पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण जिला बीजापुर कर दिया। एडिशनल एसपी दूरसंचार के आदेश को चुनौती देते अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पाण्डेय पुलिस एक्ट में दिए गए प्रावधान की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 की धारा 22 (2) (a) में यह प्रावधान है कि किसी आरक्षक का एक जोन से दूसरे जोन या एक रेंज से दूसरे रेंज में स्थानांतरण का अधिकार किसी एक पुलिस अधिकारी को ना होकर सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड को स्थानांतरण का अधिकार है।

पांच सदस्यीय होता है पुलिस स्थापना बोर्ड

पुलिस स्थापना बोर्ड में डीजीपी अध्यक्ष एवं चार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सदस्य होते हैं। पुलिस स्थापना बोर्ड को ही एक पुलिस कांस्टेबल (आरक्षक) का एक से दूसरे पुलिस रेंज में स्थानांतरण का अधिकार है। याचिकाकर्ता के मामले में पुलिस एक्ट में दिए गए प्रावधान का पुलिस अधिकारी ने उल्लंघन किया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पुलिस स्थापना बोर्ड के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने व पुलिस स्थापना बोर्डको अभ्यावेदन का 90 दिनों के भीतर निराकरण करने का निर्देश दिया है।

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