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महापौर का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र मिला फर्जी, किसी भी हित लाभ के लिए नहीं कर सकेंगे उपयोग


कोरबा। कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र एसडीएम ने निलंबित कर दिया है। एसडीएम  ने स्थाई जाति प्रमाण पत्र को निलंबित करने के साथ ही किसी प्रकार के हित लाभ के लिए इस प्रमाण पत्र का उपयोग करने से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। यह आदेश  तत्काल प्रभावशील  हो गया है।


पार्षद ऋतु चौरसिया वार्ड क्रमांक 13 नगर पालिका निगम कोरबा निवासी मकान नंबर 1121 टीपी नगर कोरबा ने कोरबा नगर निगम के महापौर राज किशोर प्रसाद निवासी  सुमंगल प्लाट नंबर 118 टीपी नगर तहसील जिला कोरबा के खिलाफ फर्जी जाती प्रमाण पत्र की शिकायत की थी। राजकिशोर प्रसाद पार्षद वार्ड नंबर 14 निर्वाचित होने के बाद वर्तमान में अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से कोरबा नगर निगम के महापौर चुने गए हैं। महिला पार्षद की शिकायत के अनुसार महापौर का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। जिसकी जांच जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति से करवाने पर प्रथम दृष्टया संदेहपूर्ण व कपटपूर्वक प्राप्त करने के कारण  पिछड़ा वर्ग के लिए लाभ के लिए उपयोग नहीं किए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया है।

कार्यालय जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति, जिला कोरबा ने वर्ष 2020-21 के कार्यवाही विवरण प्रकरण पर 6 मार्च 2024 को आदेश पारित किया। इस मामले को प्रमुखता उठाते हुए शिकायतकर्ता और वार्ड 13 की पार्षद सुश्री ऋतु चौरसिया ने वार्ड 14 के पार्षद और वर्तमान महापौर राजकिशोर प्रसाद पिता स्व. रामस्वरूप प्रसाद, निवासी सुमंगलम प्लाट नंबर 118, टी.पी. नगर की जाति को चैलेंज किया था। जांच रिपोर्ट में कहा गया है 6 मार्च को पारित आदेश में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम, 2013 एवं यथा संशोधित अधिसूचना 24 सितंबर 2020 में निहित प्रावधान अनुसार राजकिशोर प्रसाद को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के अनुमोदन पर तहसीलदार कोरबा द्वारा 5 दिसंबर 2019 को जारी अस्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र प्रथम दृष्टया संदेहास्पद एवं कपटपूर्वक प्राप्त करना पाया गया है। इसके कारण राजकिशोर प्रसाद के अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को उनके अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम जांच होने तक निलंबित किया गया है। इस प्रमाण पत्र का राजकिशोर प्रसाद द्वारा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

इस संबंध में शिकायतकर्ता पार्षद ऋतु चौरसिया ने बताया कि महापौर राज किशोर प्रसाद के संबंध में मैंने 2021 में शिकायत की थी, पर कांग्रेस की सरकार होने के चलते नहीं वहां पर को नोटिस दी जा रही थी और नहीं कोई जांच या कार्यवाही की जा रही थी। इतने दिनों बाद जाकर अब न्याय मिला है। महापौर जिला स्तरीय जाती छानबीन समिति के समक्ष  उपस्थित हुए ना दस्तावेज रखें। कोरबा महापौर का पद  ओबीसी जाति के लिए रिजर्व है। अब जाति प्रमाण पत्र शून्य होने से महापौर का स्थान रिक्त हो जाएगा। हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने की  जरूरत नहीं पड़ेगी।


वही सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग श्रीकांत कसेर ने कहा कि जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने महिला पार्षद की शिकायत के आधार पर महापौर राज किशोर प्रसाद के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की जांच की। जांच में महापौर कोई भी ऐसा दस्तावेज पेश नहीं कर सके जिससे उनके ओबीसी होने की पुष्टि हो। ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के लिए सन 1984 के पहले के कागजात दिखाने होते हैं। पर महापौर राजकिशोर प्रसाद  सन 84 के पहले के कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर सके। जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र समिति ने उनका ओबीसी प्रमाण पत्र निलंबित कर रजिस्ट्री जाति प्रमाण पत्र समिति को उच्च स्तरीय जांच के लिए भेजा है।

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