छत्तीसगढ़

बीजापुर जिले के निर्दोष आदिवासियों पर पुलिस द्वारा की गई फर्जी मुठभेड़ में जान गवांने वालों के पक्ष में न्यायिक जांच एवं दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने हेतु सर्व आदिवासी समाज के द्वारा संभाग आयुक्त एवं पुलिस माहा निरीक्षक बस्तर रेंज को ज्ञापन सौंपा गया है

जगदलपुर :- छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन के तुरंत पश्चात् इन आदिवासी क्षेत्रों में निवासरत आदिवासियों को शासन के द्वारा अधिकृत पुलिस बल के क्रूरतम नीतियों के तहत् पूरे बस्तर संभाग के वनाच्छादित व खनिज से परिपूर्ण सभी जिलों- बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर एवं कोण्डागांव में नक्सली मुठभेड़ के नाम पर पूरे आदिवासी कौम को मौत के घाट उतारने के नियत से लगातार फायरिंग की जा रही है। जिसकी शिकायत पीड़ित पक्षों के द्वारा सर्व आदिवासी समाज को शिकायत पत्र दिया गया है-

  1. 01 जनवरी 2024 ग्राम मुतवेंडी ग्राम पंचायत बुरजी जिला बीजापुर की मृतक दूधमुही बच्ची मंगली सोड़ी क्रास फायरिंग के नाम से पुलिस द्वारा हत्या की गई।
  2. 30 जनवरी 2024 ग्राम टाडोपोट ग्राम पंचायत बैल, जिला बीजापुर की घटना एसटीएफ जवान राजू ओयाम का भाई मृतक रमेश ओयाम को भी क्रास फायरिंग के नाम से पुलिस द्वारा हत्या की गई।
  3. 02 फरवरी 2024 ग्राम पंचायत गोमांगल जिला नारायणपुर की मृतक – 1. पिसो कवासी 2. काहरू ध्रुव एवं घायल 02 राजू वेडे एवं सोमारू वेडे सलफी रस पीने गये लोगों को फर्जी मुठभेड़ के नाम से हत्या की गई।
  4. इसी तरह दिनांक 11 मार्च 2024 को लगभग समय 11.00 से 12.00 बजे रात्रि ग्राम बोड़गा में पुलिस बल व डीआरजी के संयुक्त गश्त दल के द्वारा एकाएक उक्त ग्राम में प्रवेश कर सर्चिग की कार्यवाही आसपास के स्थित ग्रामों में की जा रही थी। इसी दरम्यान दिनांक 12 मार्च 2024 को अपरान्ह 3.00 से 3.30 बजे के मध्य पास में स्थितझाड़ियों में खेल रहा बालक जिसकी उम्र लगभग 10 वर्ष, को पुलिस के द्वारा संदेह के आधार पर आहत के घर तक दौड़ाकर पकड़ने का प्रयास किया गया। जिससे बालक किसी तरह उक्त गश्त दल से बचते हुए आहत (राजे ओयाम) के घर में दरवाजा बंद कर धान रखने वाली माचा में छुप गया।

पुलिस के द्वारा आहत के घर को चारों तरफ से घेराबंदी कर, आहत के द्वारा दरवाजा न खोले जाने पर छत की सीमेंटसीट को बलपूर्वक तोड़फोड़कर घर के आंतरिक भाग में घुसकर आहत (राजे ओयाम) के ऊपर गोली चलाई गई, जिससे आहत के शरीर कमर के ऊपरी बांये भाग में पुलिस की गोली चीरती हुई निकल गई, इस हृदय विदारक घटना से आहत को गंभीर व संघातिक चोट पहुंची है। परिवार वालों के बयानात अनुसारः- घर के दीवार व बाहरी भागों में की गई फायरिंग से गोलियों के निशान मौजूद होना बताया गया है।

उपरोक्त घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए निर्दोष आदिवासियों पर पुलिस द्वारा की गई फर्जी मुठभेड़ में जान गवांने वालों के पक्ष में न्यायिक जांच एवं दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने का कष्ट करें।

यदि 15 दिवस के भीतर निष्पक्ष न्यायिक जांच एवं दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्व हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करने की स्थिति में बस्तर संभाग सर्व आदिवासी समाज एवं संभागीय कोया कुटमा समाज संयुक्त रूप से उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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