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गंदे पानी और जर्जर सड़कों से बढ़ी बीमारी की आशंका, कांग्रेस पार्षदों ने निगम को सौंपा ज्ञापन

अटल आवास और झुग्गी बस्तियों में गहराया संकट, डायरिया फैलने का खतरा, क्लोरीन टैबलेट वितरण और टंकी सफाई की मांग

सुरेंद्र मिश्रा /न्यायधनी डेस्क /30 जुलाई 2025
बिलासपुर में लगातार हो रही बारिश ने शहर की बुनियादी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। निचली बस्तियों, अटल आवास और झुग्गी झोपड़ियों में गंदा पानी और जर्जर सड़कों के चलते लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि डायरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है।

इन जमीनी समस्याओं को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पार्षद दल ने नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप के नेतृत्व में नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो शहर संक्रमण और दुर्घटनाओं की चपेट में आ सकता है।

पेयजल में मिल रहा गंदा पानी, लीकेज से बढ़ा खतरा
शहर के कई वार्डों में पाइपलाइन लीकेज के चलते बारिश का गंदा पानी नलों के जरिए लोगों तक पहुंच रहा है। पानी में दुर्गंध और गंदगी साफ नजर आ रही है। अमृत मिशन के तहत सप्लाई हो रहा पानी भी दूषित बताया गया है। पार्षदों ने कहा कि यह केवल अव्यवस्था नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ है।

70 वार्डों की पानी टंकियों की सफाई की मांग

ज्ञापन में मांग की गई है कि—

सभी 70 वार्डों की पानी टंकियों की विशेषज्ञ निगरानी में सफाई कराई जाए

टंकियों में दवा का छिड़काव और क्लोरीनीकरण किया जाए
हर घर में क्लोरीन टैबलेट वितरित की जाए

अंधेरे में डूबे मोहल्ले, हादसों की आशंका
पार्षदों ने बिजली कटौती की समस्या को भी गंभीर बताया। उनका कहना है कि अटल आवास सहित कई वार्डों में लंबे समय तक अंधेरा पसरा रहता है, जिससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर खतरा मंडराया हुआ है।

सड़कों पर बने जानलेवा गड्ढे
पार्षद संतोषी रामा बघेल, पुष्पेंद्र साहू, सुनीता गोयल, मोहन श्रीवास, ओम कश्यप और अन्य ने कहा कि शहर की सड़कों की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। बारिश के कारण सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, जो हर दिन जानलेवा साबित हो सकते हैं। उन्होंने इनकी तत्काल मरम्मत की मांग की है।

राजनीतिक चेतावनी: जन आंदोलन की तैयारी
कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन राज्य सरकार की योजनाओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। अगर जल्दी सुधार नहीं किया गया, तो पार्षद जन आंदोलन छेड़ने की बात कर रहे हैं।

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