छत्तीसगढ़देशबड़ी ख़बरबिलासपुर

CG News:– मिशन अस्पताल के अधिग्रहण पर रोक, कमिश्नर न्यायालय ने सुनवाई के बाद जिला प्रशासन के अधिग्रहण के फैसले पर दिया स्टे

बिलासपुर के चर्चित मिशन अस्पताल के जमीन अधिग्रहण के फैसले पर रोक लग गया है। जिला प्रशासन के नजूल शाखा द्वारा की जा रही अतिक्रमण की कार्यवाही पर संभाग आयुक्त के न्यायालय ने सुनवाई के बाद स्टे जारी कर दिया है।

Bilaspur बिलासपुर। बिलासपुर के चर्चित अरबो की संपत्ति मिशन अस्पताल के अधिग्रहण पर रोक लग गई है। संभाग आयुक्त न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात जिला प्रशासन के नजूल शाखा के निर्णय पर स्टे दे दिया है। इससे पहले कल ही मिशन अस्पताल के डायरेक्टर रमन जोगी ने कब्जा सौंपने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर कल 22 अगस्त को 5:00 बजे से कब्जा छोड़ने की बात कही थी। पत्र में डायरेक्टर ने जिला प्रशासन एवं न्यायालय तहसीलदार नजूल एवं राजस्व अधिकारी गढ़ के दबाव में आकर मानसिक पीड़ा के साथ कब्जा छोड़ने की बात कही थी। पर आज शुक्रवार को संभाग कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का के यहां हुई सुनवाई में जिला प्रशासन के फैसले पर स्टे दिया गया है।

मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आबंटित की गई थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पट्टे नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे कर कमाई का माध्यम बनाने के आरोप लगे थे। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक इंग्लिश में नवीनीकरण नहीं करवाया गया था। इसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर मजदूर विभाग में परिसर को खाली करने मिशन अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। नोटिस के अपील में मिशन अस्पताल प्रबंधन हाईकोर्ट चला गया था। पर डायरेक्ट हाईकोर्ट आने के चलते अदालत ने अस्पताल प्रबंधन की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही हाई कोर्ट में संभाग कमिश्नर बिलासपुर के न्यायालय में अपील दायर करने का आदेश दिया था।

16 अगस्त को नजूल शाखा से नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर भूमि खाली करने को कहा गया था। 20 अगस्त को क्रिश्चियन वुमन बोर्ड आफ मिशन के डायरेक्टर रमन जोगी ने 10 दिनों का समय मांगा था। पर 10 दिन की बजाए 6 दिन का ही समय दिया गया था। 26 अगस्त तक यह जमीन खाली करनी थी। पर डायरेक्ट रमन जोगी ने 22 अगस्त को ही शाम 5:00 बजे तक कब्ज़ा छोड़ दिया और इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी।

हालांकि कब्जा छोड़ने से 2 दिन पहले 20 अगस्त को न्यायालय संभाग आयुक्त में जिला प्रशासन के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दर्ज की गई। अस्पताल के डायरेक्टर रमन जोगी ने मिशन हॉस्पिटल को जारी नोटिस के संबंध में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अस्पताल की लीज के लिए 1994 से आवेदन दिया गया है। 2014 में फिर से आवेदन देकर सुनवाई की मांग की गई थी। लीज की सुनवाई 2024 को हुई और लीज को निरस्त कर दिया गया। 140 साल पुराने हॉस्पिटल की लीज को किन कारणों से निरस्त किया गया है यह समझ से परे है।

प्रशासन की टीम पहुंची थी मौके पर…

अस्पताल के डायरेक्टर रमन जोगी के लिखे पत्र के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने निगम कमिश्नर, एसडीएम,नजूल अधिकारी, पुलिस व डॉक्टरों की टीम बना कर अस्पताल भेजी। पर अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती टीम को नहीं मिला। पूरे परिसर और अस्पताल की एहतियातन वीडियोग्राफी करवाई गई ताकि बाद में कोई अनगर्ल आरोप न लगे। साथ ही हॉस्पिटल में जगह-जगह नोटिस भी चस्पा किया गया है। साथ ही प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरा भी मौके पर लगाया था।

नोटिस के अलावा नजूल तहसीलदार ने डायरेक्टर रमन जोगी के पत्र के जवाब में लिखा है कि संपूर्ण कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत हो रही है। आपके द्वारा समय मांगने पर 26 अगस्त तक समय दिया गया था। डायरेक्टर होने के नाते उक्त संपत्ति और इस पर स्थित भवनों पर आपकी जिम्मेदारी है। 26 अगस्त तक भवन खाली करने और अस्पताल तथा अस्पताल में यदि भर्ती मरीज हो तो उनको स्थानांतरित करने की जवाबदारी आपकी है। और यदि 26 अगस्त तक कोई घटना–दुर्घटना होती है तो इसके जवाबदार आप ही होंगे।

आज सुनवाई में संभाग आयुक्त न्यायालय ने दिया स्टे:–

आज मामले में संभाग आयुक्त नीलम नामदेव एक्का के न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई हुई। सुनवाई बाद आगामी सुनवाई दिनांक तक के लिए अस्पताल के अधिग्रहण के फैसले पर स्टे दे दिया गया। प्रकरण की आगामी सुनवाई 27 अगस्त 2024 को रखी गई है। तब तक स्टे जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि नजूल शाखा ने 26 अगस्त तक का समय अस्पताल संचालक को दिया था। पर संभाग आयुक्त के आदेश के बाद वह फैसला निष्प्रभावी हो गया है।

Related Articles

Back to top button