
बिलासपुर। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के प्रदर्शन के बाद NSUI नेताओं के खिलाफ बीएमओ ने पचपेड़ी थाने में शिकायत की है। इसमें बीएमओ ने NSUI के सदस्यों पर छात्राओं को भड़काने और जांच के लिए पहुंची टीम से अभद्रता कर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है।

इधर, कांग्रेस ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धृतराष्ट्र की उपाधि से नवाजा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक्स पर आरोप लगाते हुए कहा है कि “सत्ता की सनक में आप (सरकार) मानवीयता भी खो रहे हैं”।
बीईओ की शिकायत पर हुआ मामला दर्ज
मस्तूरी बीईओ शिवराम टंडन ने एनएसयूआइ के पदाधिकारी राहुल हंसपाल, मजहर खान, गोलू खान और अश्वनी विश्वकर्मा के खिलाफ शिकायत की है। बीईओ ने बताया कि पचपेड़ी कन्या छात्रावास की छात्राओं ने सोमवार को चक्काजाम कर दिया। इसकी जांच के लिए अधिकारियों की टीम छात्रावास पहुंची थी। इसमें जिला स्तर के अधिकारियों के साथ ही तहसीलदार और अन्य अधिकारी थे। अधिकारी छात्रावास की छात्राओं से पूछताछ कर रहे थे। इसी दौरान शाम करीब छह बजे NSUI के कार्यकर्ता वहां पर आ गए। वे बिना अनुमति के हास्टल के अंदर घुसकर छात्राओं को भड़काने लगे। इसके साथ ही जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों से अभद्रता की। साथ ही हॉस्टल अधीक्षिका को तत्काल हटाने की मांग करने लगे। इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को धमकियां भी दी। बीएमओ की शिकायत पर पचपेड़ी पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
SP से की निष्पक्ष जांच की मांग
एनएसयूआई के बेलतरा विधानसभा अध्यक्ष विक्की यादव ने बताया कि छात्राओं के प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर संगठन के राहुल हंसपाल और अन्य कार्यकर्ता पचपेड़ी गए थे। वहां पर उन्होंने जांच अधिकारियों की मौजूदगी में दरवाजे के बाहर से ही छात्राओं से बात कर उनकी समस्या जानी। इस दौरान वहां पर अधिकारी भी मौजूद रहे। संगठन के सदस्यों ने परिसर में ही अधिकारियों से बात कर हास्टल अधीक्षक को हटाने की मांग की। उनकी मांग को मानकर अधिकारियों ने हास्टल अधीक्षक को हटा दिया। अब बीईओ ने उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा का जुर्म दर्ज करा दिया है। इसका विरोध करते हुए एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने एसपी कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर निश्पक्ष जांच की मांग की है।
सिर्फ अधीक्षिका को हटाने से काम नहीं चलेगा, तहसीलदार को भी तत्काल पद से हटाना चाहिएः भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर कहा कि पहले राजनांदगांव में ज़िला शिक्षा अधिकारी का बच्चियों को जेल में डालने की धमकी देना और अब मस्तूरी में तहसीलदार का भी वही भाषा बोलना दिखाता है कि प्रशासन पूरी तरह से बेलगाम और अहंकारी हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार कौन चला रहा है, यही न पता हो तो प्रशासन के अंदर का डर ऐसे ही समाप्त हो जाता है।