Bilaspur Highcourt News:–नियुक्ति आदेश की अनदेखी पर DIG और SP को अवमानना नोटिस, कोर्ट ने जताई सख्ती की चेतावनी

Bilaspur Highcourt News:–सरकारी आदेशों की अनदेखी एक बार फिर छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर मामला अब अदालत की अवमानना तक पहुंच गया है। इसी सिलसिले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने डीआईजी प्रशासन पारूल माथुर और जांजगीर–चांपा एसपी विजय कुमार पांडेय को नोटिस जारी कर जवाब–तलब किया है।
Bilaspur Highcourt News:– बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग के दो शीर्ष अधिकारियों — डीआईजी प्रशासन पारूल माथुर और एसपी जांजगीर विजय कुमार पांडेय — को अवमानना का नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई पामगढ़ निवासी विक्की भारती की ओर से दाखिल याचिका पर हुई, जिसमें कहा गया कि न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पुलिस विभाग ने समयसीमा में अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी।
अदालती आदेश की अनदेखी बनी कार्रवाई की वजह
विक्की भारती के पिता की सेवा काल में मृत्यु हो जाने के बाद उन्होंने अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं अभिषेक पांडेय और प्रिया अग्रवाल ने कोर्ट में बताया कि राज्य शासन ने पहले जारी किया गया अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश निरस्त कर दिया था, जिससे विक्की नियुक्ति के लिए पात्र हो गए थे।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 90 दिनों के भीतर नियुक्ति आदेश जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया। इससे असंतुष्ट होकर विक्की ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
कोर्ट में अधिवक्ताओं की तीखी दलील
याचिका में यह भी बताया गया कि छत्तीसगढ़ में न्यायिक आदेशों की अनदेखी एक लगातार बढ़ती प्रवृत्ति बन गई है। केवल जुलाई 2025 तक 1,149 अवमानना याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। अधिवक्ताओं ने अदालत से मांग की कि ऐसी लापरवाही पर कड़ा संदेश देने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है।
उन्होंने अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 12 का हवाला देते हुए कहा कि इस धारा के तहत 6 माह तक की सजा या 2,000 रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
हाईकोर्ट की स्पष्ट चेतावनी
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जवाब देने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने साफ किया है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
कोर्ट ने माना मामला गंभीर:
हाईकोर्ट ने इसे गंभीर विषय मानते हुए डीआईजी प्रशासन पारूल माथुर और एसपी विजय पांडेय को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि यदि नियत समय पर संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।