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Janjgir news:– जांजगीर-चांपा: प्रकाश इंडस्ट्रीज में बड़ा हादसा, 13 कर्मचारी झुलसे – सुरक्षा मानकों की खुली उड़ रही धज्जियांबार-बार हादसे के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन लापरवाह, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल

फर्नेस बना आग का दरिया, 13 झुलसे – ‘प्रकाश’ में अंधकार, लापरवाही बनी लाचार

बार-बार की चिंगारी, कब बनेगी अंगारे की चेतावनी?

“धुआं ही धुआं है ज़मीरों में शायद,
जहां आग लगी, वहां कोई जलता नहीं!”

Janjgir news:– जांजगीर चांपा चांपा स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड में शनिवार शाम हुए ब्लास्ट फर्नेस हादसे ने एक बार फिर फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। ओल्ड 15 टन फर्नेस बॉयलर में हुए विस्फोट से 13 कर्मचारी और अधिकारी झुलस गए हैं, जिनमें चार की हालत गंभीर है। यह कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी यहां सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन और प्रशासन दोनों ने अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में आए दिन लापरवाही और तकनीकी खामियों के कारण खतरा बना रहता है। बावजूद इसके, सुरक्षा ऑडिट और मेंटेनेंस को लेकर गंभीरता नहीं बरती जाती। सूत्रों के अनुसार, जिस फर्नेस में ब्लास्ट हुआ, वह पहले से ही जर्जर स्थिति में था और उसकी मरम्मत को लेकर कई बार शिकायतें भी की गई थीं।

हादसे के बाद जिला प्रशासन सक्रिय जरूर हुआ, लेकिन सवाल यह है कि हादसे से पहले निगरानी क्यों नहीं की गई? कलेक्टर आकाश छिकारा और एसपी विवेक शुक्ला मौके पर पहुंचे, परंतु यदि पहले ही निरीक्षण और सुरक्षा जांच होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। घायलों में कई ठेका कर्मचारी शामिल हैं, जिनके लिए सुरक्षा इंतजाम पहले से ही नाकाफी माने जाते हैं।

हालात यह हैं कि फैक्ट्री प्रबंधन ने अब तक इस हादसे की पूरी ज़िम्मेदारी नहीं ली है। केवल जांच कमेटी बनाकर प्रशासन अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है। जबकि जरूरत है सख्त कार्रवाई की, ताकि आगे ऐसे हादसों को रोका जा सके।

प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन दोनों के लिए यह हादसा एक चेतावनी है कि केवल हादसे के बाद सक्रियता नहीं, बल्कि पहले से सतर्कता और सुरक्षा ही असली जिम्मेदारी है।

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