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40 साल पुराना अतिक्रमण हटा: महरैय्या तालाब और मुक्तिधाम की जमीन कब्जा मुक्त

रतनपुर, बिलासपुर | 28 जून 2025 | न्यायधानी ब्यूरो सुरेंद्र मिश्रा

बिलासपुर / धार्मिक नगरी रतनपुर में नगर प्रशासन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 40 साल पुराने अतिक्रमण को हटाकर महरैय्या तालाब और मुक्तिधाम की ज़मीन को कब्जा मुक्त कराया है। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 3 में की गई यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था की दृढ़ता का उदाहरण बनी, बल्कि आस्था के प्रतीक स्थलों की गरिमा की पुनर्स्थापना की दिशा में भी अहम मानी जा रही है।


मुक्तिधाम में हो रही थी खेती और अवैध निर्माण
महरैय्या तालाब के पार स्थित मुक्तिधाम की पावन भूमि पर दशकों से अवैध कब्जा कर खेती की जा रही थी, और कुछ हिस्सों में पक्के निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुके थे। लगातार मिल रही जनशिकायतों के आधार पर नगर पालिका प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए कब्जा हटाया और धार्मिक स्थल को उसकी मूल अवस्था में पुनर्स्थापित किया।

पार्षद शोभा दुबे की पहल, नगर प्रशासन की तत्परता
वार्ड क्रमांक 3 की कांग्रेस पार्षद शोभा दुबे ने इस मुद्दे पर विशेष संज्ञान लेते हुए नगर पालिका को अवगत कराया। नगर पालिका टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ मुक्तिधाम में सफाई अभियान भी चलाया।

पार्षद दुबे ने कहा –
मुक्तिधाम जैसे धार्मिक स्थलों पर कब्जा केवल अवैध नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आस्था का अपमान है। हमने जनता से जो वादे किए थे, उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।”

चुनावी वादों पर अमल: जनता का बढ़ा विश्वास
नगर पालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप ने चुनाव प्रचार के दौरान रतनपुर के धार्मिक स्थलों को अतिक्रमणमुक्त कराने का वादा किया था। शपथ ग्रहण के महज तीन महीने में ही यह ठोस कार्रवाई कर जनता के बीच विश्वास का वातावरण निर्मित किया गया है।

सौंदर्यीकरण की दिशा में भी कदम
मुक्तिधाम को खाली कराने के बाद नगर पालिका ने वहां सफाई, समतलीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कर दिया है। आने वाले समय में विश्राम शेड, पीने का पानी और प्रकाश व्यवस्था जैसी आवश्यक सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।

रतनपुर नगर पालिका द्वारा की गई यह कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है कि प्रशासन अब जनता की मांगों को गंभीरता से लेते हुए धार्मिक स्थलों की मर्यादा और नगर सौंदर्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यदि यही गति और पारदर्शिता बनी रही, तो रतनपुर निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक और प्रशासनिक आदर्श बन सकता है।

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