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रतनपुर के श्री भैरव बाबा मंदिर में हो रहा पांच लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण


बिलासपुर. श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना में रुद्राभिषेक का काफी महत्व होता है। भगवान शिव को रुद्राभिषेक बहुत प्रिय है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ का सावन में रुद्राभिषेक करने से इंसान के सांसारिक कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उन्हें ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलती है।श्री सिद्ध तंत्र पीठ भैरव बाबा मंदिर रतनपुर में श्रावणी महोत्सव में 5 लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने का लक्ष्य रखा गया है। 

प्रथम दो दिन में 30 हजार पार्थिव शिवलिंग श्रद्धालुओं ने बनाए।
  धर्मनगरी रतनपुर के भैरव बाबा मंदिर में सावन मास में पांच लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा हैे। भैरव बाबा मंदिर परिसर में जल, दूध, दही व पंचामृत से भगवान शंकर के पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक हो रहा है। उल्लेखनीय है कि सावन मास भगवान शंकर का पावन मास होता है इसमें भक्त जन भगवान शिव का अभिषेक कर मनचाहे वर पाते हैं।



रतनपुर स्थित भैरव बाबा के महंत व मुख्य पुजारी जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि भैरव बाबा मंदिर प्रांगण मे इस बार के सावन को शिव मय करने के लिए पिछले साल की तरह इस साल भी  पांच लाख पार्थिव शिव लिंग का निर्माण साथ ही इस बार एक माह तक रुद्र यज्ञ भी किया जा रहा है। पं अवस्थी ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक कराने आ रहे हैं। भैरव बाबा मंदिर में हर बार सावन मास  में तक पुरे एक माह तक चलने वाले रूद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य विश्व में सुख, शांति समृद्धि और जन कल्याण की भावना है। यज्ञ प्राय: 11 दिन में संपन्न हो जाते हैं लेकिन सावन माह में पूरे माह भर आहुति और अभिषेक किए जाएंगे। पं. कान्हा तिवारी ने सावन माह को भगवान शिव का माह बताते हुए निरंतर शिव की भक्ति व ध्यान करने की बात कही।



पार्थिव पूजा का महत्व
पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। शिवजी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला। यह सभी जानते हैं कि शिव कल्याणकारी हैं। जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है। शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। प्रति दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक और परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।। शास्त्रों में भी उल्लेख है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में पं. गिरधारी लाल पांडेय के द्वारा रूद्र महायज्ञ में पं. माहेश्वर पांडे, राजेंद्र दुबे सहित मंदिर प्रबंधन के सदस्य रवि ताम्बेली सहयोग दे रहे हैं।

  पूजन का समय

श्री भैरव मंदिर में प्रति दिन सुबह 8 बजे से  वेदी पूजन वैदिक विधान फिर 10बजे से 1बजे तक रूद्राभिषेक  तथा शाम  4 बजे से रुद्र महायज्ञ शुरू होगा जो शाम 7 बजे तक आरती पुष्पांजलि की जा रही है।

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