छत्तीसगढ़

मसूरिहा जलाशय के लिए जमीन देने वाले 17 किसानों को मिला मुआवजा


शेष किसानों के भी प्रकरण जल्द तैयार होंगे
कोरबा। मसूरिहा जलाशय के लिए प्रस्तावित भूमि के विरूद्ध की गई भू-अर्जन के एवज में प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया गया है। मसाहती ग्राम होने तथा नजरी नक्शा नहीं होने की वजह से कई किसानों को मुआवजा वितरण नहीं किया जा सका है। मसूरिहा जलाशय का नाला क्लोजर कार्य नहीं कराया गया है जिससे कृषकों से ली जाने वाली भूमि अभी भी उनको कब्जे में हैं, जिसमे खेती कर रहे हैं। प्रभावित किसानों को मुआवजा भुगतान की कार्यवाही पूर्ण होने पर ही उक्त योजना के निर्माण की कार्यवाही की जाएगी। मुआवजा के लिए लंबित किसानों को भी मुआवजा वितरण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि इस योजना के शीर्ष कार्य में ग्राम मुरली के 23 कृषको का 4.891 हेक्टेयर निजी भूमि का भू-अर्जन प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पाली के कार्यालय में प्रक्रियाधीन है। प्रभावित भूमि के विरुद्ध भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मांग की गयी 80 प्रतिशत प्रतिकर की राशि रू. 77.056 लाख 28 मार्च 2019 को जमा किया जा चुका है, जिसमें 17 लोगो का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। शेष 6 लोगो का भुगतान लंबित है तथा योजना के शीर्ष कार्य में ग्राम मसूरिहा के 15 कृषकों का रकबा 11.072 हेक्टेयर भू-अर्जन प्रकरण तैयार कर 25 फरवरी 2011 द्वारा भू-अर्जन अधिकारी, कटघोरा को जमा किया गया था। मसाहती ग्राम होने के कारण नक्शा नहीं है। इस संबंध में जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि मसाहती ग्राम होने के कारण नजरी नक्शा के अनुसार प्रकरण तैयार किया गया था। इस दौरान कृषकों से भी लिखित सहमति ली गई थी। भू-अर्जन अधिकारी कटघोरा प्रकरण में नक्शा नहीं होने के कारण आगे की कार्यवाही रोक दी गई थी। यदि नजरी नक्शा के अनुसार भू-अर्जन प्रकरण तैयार करने की अनुमति प्राप्त होती है तो प्रकरण पुन: तैयार कर प्रस्तुत कर दिया जाएगा।          

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