छत्तीसगढ़

खुले में बिक रहे मांस-मटन पर प्रतिबंध लगाने की मांग

मुख्यमंत्री को जीवजंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि पदम डाकलिया ने लिखा पत्र

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राजधानी सहित प्रदेशभर में खुले में बिक रहे मांस, मछली और मुर्गी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग जीवजंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि और मनोहर गौशाला के खैरागढ़ ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी शाकाहारी जीवनशैली का पालन करती है। खुले में मांस, मछली और मुर्गी की बिक्री न केवल उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों का भी उल्लंघन करती है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जिसमें उनकी जीवनशैली और आहार विकल्प का सम्मान भी शामिल है।

इसके अतिरिक्त, इन पदार्थों की खुले में बिक्री से सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। अस्वच्छ वातावरण में इन उत्पादों की बिक्री न केवल बीमारियों और संक्रमणों के प्रसार का कारण बनती है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का भी उल्लंघन करती है, जो भोजन को स्वच्छ और सुरक्षित रखने पर जोर देता है।

उन्होंने प्रदेश में मांस, मछली और मुर्गी की खुली बिक्री पर शीघ्र प्रतिबंध लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।

 

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