ChhattisgarhINDIAकांकेरकानूनक्राइमछत्तीसगढ़जरूरी खबरनिलंबित

CG:– बिना तलाक दूसरी शादी करने वाले डॉक्टर पर गिरी गाज, शासन ने किया निलंबित — पहली पत्नी की शिकायत पर हुई कार्रवाई

CG:– कांकेर जिले के नरहरपुर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमोड़ा में पदस्थ डॉ. मिथिलेश साहू पर शासन ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। डॉ. साहू ने पहली पत्नी से विधिवत तलाक लिए बिना दूसरी शादी कर ली थी। जब इस बात की जानकारी पहली पत्नी को लगी, तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

Kanker | कांकेर:
नरहरपुर विकासखंड के अमोड़ा सीएचसी में कार्यरत डॉक्टर ने विवाह के महज सात महीने के भीतर ही दूसरी शादी कर ली, वो भी बिना पहली पत्नी से तलाक लिए। जैसे ही पहली पत्नी को इस बात की भनक लगी, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पूरी जानकारी के साथ शिकायत सौंपी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने डॉ. मिथिलेश साहू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।

आरोप है कि पहली पत्नी ने डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में FIR भी दर्ज कराई है।

विवाह से जुड़ी जानकारी और नियमों का उल्लंघन:

प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, डॉ. साहू ने 26 मई 2023 को महासमुंद निवासी डिगेश्वरी साहू से विवाह किया था। इसके बाद, 8 जनवरी 2024 को उन्होंने धमतरी निवासी सृष्टि साहू के साथ दूसरी शादी रचा ली — जबकि पहली पत्नी जीवित थीं और तलाक की कोई प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 22 का खुला उल्लंघन माना गया।

सस्पेंशन के साथ मुख्यालय छोड़ने पर भी रोक:

डॉ. साहू के कृत्य की पुष्टि होने के बाद शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 की धारा 9(1)(क) के तहत उन्हें निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें रायपुर स्थित संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं के अधीन अटैच किया गया है। आदेशानुसार, अब वे बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने के भी अधिकारी नहीं रहेंगे।

शिकायत के बाद सामने आया पूरा मामला, सोशल मीडिया में भी हुई किरकिरी:

सूत्रों के अनुसार, पहली पत्नी और उनके परिजनों ने कांकेर के तत्कालीन CMHO को लिखित शिकायत दी थी। मामला जब सार्वजनिक हुआ तो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। ट्विटर और फेसबुक पर #DoctorBigamy ट्रेंड करने लगा। विभागीय सहकर्मियों सहित आम जनता ने इस मामले को लेकर हैरानी जताई है।

कानूनी दृष्टिकोण:

द्विविवाह एक दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अंतर्गत दोष सिद्ध होने पर सात साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद अब कानूनी कार्रवाई भी संभव है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button