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ज़िला मुख्यालय की सड़कों पर आवारा मवेशियों का आतंक,रात होते ही जनता की मुसीबतें बढ़ीं सीएम विष्णु देव साय के निर्देश भी हुए बेअसर, प्रशासन मूकदर्शक

सीएम विष्णु देव साय के निर्देश भी हुए बेअसर, प्रशासन मूकदर्शक

जांजगीर-चांपा। जिले के मुख्यालय की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों का अघोषित कब्ज़ा हो गया है। यह समस्या अब केवल ट्रैफिक में रुकावट या सड़क हादसों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इससे जुड़ी कई गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं, जिन पर न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन।

सड़क हादसों की आशंका बढ़ी, दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा परेशान
रात के समय अंधे सड़कों पर बैठे या घूमते मवेशी वाहन चालकों के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को अचानक सामने आ जाने वाले मवेशियों से रोज़ाना जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है।

जाम और ट्रैफिक की समस्या
बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में मवेशियों के कारण बार-बार जाम लग रहा है। स्कूल-ऑफिस जाने वाले लोग देर से पहुंच रहे हैं और एंबुलेंस तक को कई बार रुकना पड़ता है।

गंदगी और बीमारियों का खतरा
सड़कों पर मवेशियों के घूमने से जगह-जगह गोबर जमा हो गया है, जिससे दुर्गंध फैल रही है। यह न केवल शहर की साफ-सफाई को प्रभावित कर रहा है, बल्कि संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी बढ़ा रहा है, विशेषकर बरसात के मौसम में।

नालियों और सड़कों को कर रहे क्षतिग्रस्त
मवेशी खुले में घूमते-घूमते नालियों में गिर जाते हैं या सड़कों के किनारे की संरचना को नुकसान पहुंचाते हैं। कई स्थानों पर मवेशियों ने कचरा फैलाकर नालियों को जाम कर दिया है, जिससे जलभराव की समस्या और बढ़ गई है।

स्थानीय व्यवसायियों को भी नुकसान
दुकानदारों का कहना है कि मवेशी दुकान के सामने बैठ जाते हैं या अंदर घुस आते हैं, जिससे ग्राहक आने से कतराने लगे हैं। सब्जी और फल विक्रेताओं को भी भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि मवेशी उनके सामान को खा जाते हैं।

प्रशासनिक उदासीनता बनी सबसे बड़ी चिंता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में आवारा पशु नियंत्रण को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए थे, लेकिन ज़िला प्रशासन और नगर पालिका इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। न ही मवेशियों को पकड़ने की व्यवस्था है और न ही स्थायी गोशालाएं सक्रिय हैं।

जनता की मांग: जल्द हो सख्त कदम
स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम जैसे कदम उठाए जाएंगे। जनता चाहती है कि आवारा पशुओं को तत्काल पकड़कर सुरक्षित गोशालाओं में भेजा जाए, और शहर की साफ-सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए।

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