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CG:– “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर 68 वर्षीय बुजुर्ग से ठगे 57 लाख — अगला शिकार आप न बनें! जानिए साइबर ठगी के नए हथकंडे

CG:– साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस और आरबीआई अधिकारी बताकर 68 वर्षीय रिटायर्ड बुजुर्ग को दो दिनों तक मानसिक दबाव में रखा और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उनसे 57 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

Bilaspur बिलासपुर। 68 वर्षीय सेवानिवृत्त बुजुर्ग सायबर ठगों के शातिर जाल में फंसकर अपनी जीवनभर की जमा पूंजी गंवा बैठे। ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस और आरबीआई से जुड़ा अधिकारी बताकर बुजुर्ग को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखने की धमकी दी और 57 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का शिकार हुए बुजुर्ग ने जब हकीकत समझी, तब जाकर सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग को हाल ही में एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और दावा किया कि एयरवेज कंपनी के नरेश गोयल को फर्जी लेनदेन के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ठग ने बुजुर्ग से कहा कि उनके खाते का कनेक्शन भी इस केस से जुड़ा हुआ है।

जब बुजुर्ग ने इस पर अनभिज्ञता जताई, तो कॉलर ने डराते हुए कहा कि अब आपकी जांच दिल्ली पुलिस और आरबीआई करेगी। अगर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचना है, तो तुरंत अपने खाते की पूरी राशि एक सुरक्षित जांच खाते में ट्रांसफर करें। ठग ने भरोसा दिलाया कि रकम वापस कर दी जाएगी क्योंकि पूरा मामला रिज़र्व बैंक के अधीन जांचाधीन है।

डर और भ्रम में आकर बुजुर्ग ने दो दिनों तक ठगों के निर्देशों का पालन किया। इस दौरान उन्होंने RTGS के माध्यम से दो किस्तों में— पहले 50 लाख रुपये और फिर 7 लाख रुपये— ठगों द्वारा दिए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। उन्हें लगातार यह समझाया गया कि वे डिजिटल अरेस्ट में हैं और इस विषय में किसी से बात करना अपराध माना जाएगा।

जब कई दिन बीत जाने के बाद भी न तो रुपये वापस मिले और न ही कॉल करने वाला संपर्क में आया, तब बुजुर्ग को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने हिम्मत जुटाकर सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ ठगी, आपराधिक धमकी और आईटी एक्ट की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। मामले की विवेचना की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि जिन खातों में पैसे गए हैं, उनका नेटवर्क और ठगों का लोकेशन कहां है।

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