सीपत के करमा गांव में नशा विरोधी चेतना मंच: SSP रजनेश सिंह ने कहा – “सपने वो हैं जो नींद न आने दें”

जब समाज के हर कोने से आवाज़ उठे — नशे के खिलाफ, नैतिकता के पक्ष में — और मंच पर सियान, छात्र, महिला प्रतिनिधि, शिक्षक और पुलिस एक साथ खड़े हों, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, एक जनचेतना की शुरुआत होती है।”ऐसा ही एक प्रेरक आयोजन हाल ही में सामने आया, जहां नशा उन्मूलन, यातायात सुरक्षा और बुजुर्ग सम्मान जैसे विषयों पर गंभीर विमर्श हुआ।
prakharbhoomi.com : बिलासपुर |दिनांक: 08 जुलाई 2025बिलासपुर पुलिस द्वारा ग्राम करमा, थाना सीपत में मंगलवार को एक प्रेरणादायक मंच का आयोजन किया गया, जो समाज के ज्वलंत विषय — नशा उन्मूलन, यातायात सुरक्षा, और सियान चेतना — पर केंद्रित रहा। आयोजन की विशेष बात यह रही कि इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई – सियान, पंच, स्कूली बच्चे, शिक्षकगण, महिला प्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी – सभी एक ही मंच पर जुटे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह, जिन्होंने अपने विचारों से युवाओं को न केवल प्रेरित किया, बल्कि नशे के खिलाफ अभियान को नई धार देने की बात भी कही। अपने संबोधन में उन्होंने कहा –
“सपने वही सच्चे होते हैं जो रातों की नींद छीन लें… एकलव्य की तरह लक्ष्य साधो, और नकारात्मकता से लड़कर आगे बढ़ो।”
बीट प्रणाली बनी ग्रामीण पुलिसिंग की नई मिसाल
ग्राम करमा में संचालित बीट प्रणाली को देखकर SSP ने प्रसन्नता जाहिर की। बीट प्रभारी सउनि सहेत्तर कुर्रे, आरक्षक शैलेंद्र कुर्रे और महिला आरक्षक ज्योति जगत की टीम को सराहते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद ही विश्वास का मूल आधार है।
नशा कारोबारियों पर शिकंजा कसने के निर्देश
ग्राम पंचायत के सरपंच नंद कुमार साहू ने जब महिलाओं को संगठित कर नशे के खिलाफ आंदोलन की बात कही, तो SSP ने मंच से ही सीपत थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी को निर्देश देते हुए कहा –
“नशे के सौदागरों को बख्शा नहीं जाएगा। अब तक सात करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।”
सियानों और विद्यार्थियों को मिला सम्मान
कार्यक्रम में “हमर सियान, हमर धरोहर” अभियान के तहत बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। “पायल – एक नया सवेरा फाउंडेशन” के सहयोग से 170 स्कूली बच्चों को पेन और कॉपियों का वितरण किया गया, वहीं सरपंचों, पंचों और वरिष्ठ नागरिकों को हेलमेट बांटकर यातायात जागरूकता का संदेश दिया गया।
जन–जागरण में भागीदार बना पूरा गांव
जब समाज के हर कोने से आवाज़ उठे — नशे के खिलाफ, नैतिकता के पक्ष में — और मंच पर सियान, छात्र, महिला प्रतिनिधि, शिक्षक और पुलिस एक साथ खड़े हों, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, एक जनचेतना की शुरुआत होती है।”
ऐसा ही एक प्रेरक आयोजन हाल ही में सामने आया, जहां नशा उन्मूलन, यातायात सुरक्षा और बुजुर्ग सम्मान जैसे विषयों पर गंभीर विमर्श हुआ।
सरकंडा सिद्धार्थ बघेल, फाउंडेशन संचालिका पायल लाट, चंचल सलूजा, स्थानीय शिक्षकों व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।