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पुलिस ने बुजुर्गों को दिया सम्मान का मंच — ‘सियान चेतना कार्यक्रम’ में पूर्व पुलिसकर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों का अभिनंदन

बिलासपुर -पुलिस केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं, समाज के हर वर्ग से जुड़कर जब सेवा की भावना से कदम बढ़ाती है, तब ऐसे आयोजन जन्म लेते हैं जो न केवल भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि सामाजिक चेतना को भी दिशा देते हैं। बिलासपुर पुलिस ने ऐसा ही एक कदम उठाया — ‘सियान चेतना कार्यक्रम’ के रूप में।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (IPS) के निर्देशन और पहल पर पुलिस लाइन बिलासपुर में यह विशेष आयोजन संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य था – पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों व उनके परिजनों के प्रति सम्मान, संवाद और सरोकार का एक मजबूत रिश्ता स्थापित करना।

सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के अनुभवों को सुना, सम्मानित किया गया

कार्य

कई वरिष्ठ नागरिकों की आंखों में इस आत्मीयता और सम्मान के लिए आभार के आँसू थे। कुछ ने कहा — “सालों की सेवा के बाद ऐसा सम्मान पाकर लग रहा है जैसे विभाग ने हमें कभी छोड़ा ही नहीं। यह आयोजन हमें हमारी पहचान और सम्मान दोनों लौटा रहा है।”

एसएसपी रजनेश सिंह की संवेदनशील सोच का परिणाम है यह कार्यक्रम

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, जो अपनी संवेदनशील कार्यशैली और मानवीय नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं, ने इस कार्यक्रम की संकल्पना स्वयं की। उनके मुताबिक, “हमारे बुजुर्ग अधिकारी समाज के वटवृक्ष हैं। उनका अनुभव, त्याग और योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके साथ जुड़ना केवल कर्तव्य नहीं, हमारे संस्कारों का हिस्सा है।”

महिला नेतृत्व की भूमिका: एएसपी अर्चना झा ने दी सम्मान की मिसाल

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सभी वरिष्ठ नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया और अपने संबोधन में कहा,
“आज के दौर में जब परिवार एकल होते जा रहे हैं, ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। बुजुर्गों का अनुभव हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक है। पुलिस विभाग को यह परंपरा आगे भी बनाए रखनी चाहिए।”

चेतना मित्र और पुलिस परिवार की भागीदारी

इस आयोजन में रक्षित निरीक्षक भूपेंद्र गुप्ता, चेतना मित्र दल के सदस्य और पुलिस परिवार से जुड़े लगभग 50 से अधिक वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे। यह सहभागिता दर्शाती है कि पुलिस केवल एक प्रशासनिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवंत सामाजिक इकाई है जो सभी पीढ़ियों को साथ लेकर चलने की क्षमता रखती है।

परिजनों से भावनात्मक अपील

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को यह भावनात्मक अपील भी की गई कि —
“हमारे बुजुर्ग वटवृक्ष की तरह हैं। वे परिवार की छाया भी हैं और जड़ों की मजबूती भी। समाज और परिवार का दायित्व है कि वे इन्हें केवल सम्मान न दें, बल्कि समय, संवाद और साथ भी दें।”

‘सियान चेतना कार्यक्रम’ ने यह साबित कर दिया कि पुलिस केवल अपराध और अपराधियों के विरुद्ध नहीं लड़ती, बल्कि वह समाज की बुनियादी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा सकती है। बिलासपुर पुलिस द्वारा बुजुर्गों को सम्मानित कर यह संदेश दिया गया कि सेवा के बाद भी याद किया जाना, सम्मानित किया जाना, और परिवार का हिस्सा बने रहना संभव है — जब नेतृत्व संवेदनशील हो और दृष्टि मानवीय हो।

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