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जांच की मांग करने वाले ननकीराम की हो सकती है जांच — खुफिया एजेंसी जुटा रही जानकारी, रमन सिंह की चुप्पी पर सियासी हलचल

रायपुर।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के विस्फोटक बयानों ने सियासी हलकों में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री और सरकार पर तीखा हमला बोलने वाले ननकीराम ने एक तरफ तो यह तक कह दिया कि “ये मुख्यमंत्री क्या करेंगे, अगर यही रवैया रहा तो मैं सरकार भंग करा दूंगा,” वहीं कुछ घंटे बाद नरम पड़ते हुए प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव की बात मान ली।
अब खुफिया एजेंसियां उनके अचानक बदले रुख की तहकीकात में जुटी हैं।

 

क्या आने वाले दिनों में खुलेगा सच ?

राजनीतिक और खुफिया दौरों के बीच अब प्रमुख सवाल यह है — क्या ननकीराम के बयान किसी व्यक्तिगत रोष का परिणाम हैं या इनके पीछे कोई व्यवस्थित साज़िश काम कर रही है ? क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष से मिलने के बाद ही उन्होंने तुरंत कह डाला कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को पार्टी से निकाल देना चाहिए। यह तब हुआ जब उनका इस माम्र्टीले से कोई लेना-देना नहीं था ऐसे में शासन के अगले कदम पर ही यह तय होगा कि मामला शांत होगा या और बड़े विवाद का रूप ले लेगा।


पार्टी के भीतर भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बेचैनी है। वरिष्ठ नेताओं ने भले ही खुलकर कुछ न कहा हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की चुप्पी अब राजनीतिक गलियारों में “अघोषित असहमति” के रूप में देखी जा रही है।

भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि डॉ. रमन सिंह इस पूरे मामले को “अनुशासनहीनता” के तौर पर देख रहे हैं, पर सार्वजनिक तौर पर बयान देने से फिलहाल बच रहे हैं। कहते है रमन सिंह जब कुछ नहीं कहते है तब बहुत कुछ करते है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर ननकीराम पर जांच की औपचारिक शुरुआत होती है, तो पार्टी और सरकार दोनों के लिए यह संकट का नया दौर होगा — क्योंकि जिसने जांच की मांग की, वही खुद जांच के घेरे में आ सकता है।

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