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पीडब्ल्यूडी की सड़कों में भ्रष्टाचार की दरारें, गर्मी में बनीं सड़कों की परतें बारिश से पहले ही उखड़ने लगीं, AAP ने उठाई आवाज

न्यायधानी रिपोर्टर मनकू नेताम।

छत्तीसगढ़ में पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) द्वारा इस साल गर्मियों में बनाई गई कई नई सड़कें कुछ ही महीनों में उखड़ने लगी हैं। आम जनता का आरोप है कि निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और निर्माण गुणवत्ता को जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया गया है।

भानुप्रतापपुर के अंतर्गत कुल्हाड़कट्टा से जनकपुर, दुर्गूकोंदल से कोदापाखा, तथा सुखी से जाने वाली मुख्य सड़कें, जो हाल ही में बनी थीं, बरसात आने से पहले ही उखड़ने लगी हैं। कई स्थानों पर गड्ढे बन गए हैं, डामर की परत उखड़कर किनारे जमा हो गई है, और कुछ हिस्सों में सड़कें पैदल चलने लायक भी नहीं रहीं।

बनते ही बर्बाद – कौन है ज़िम्मेदार?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब पीडब्ल्यूडी विभाग में व्याप्त कमीशनखोरी और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है। सड़कों के निर्माण में न तो गुणवत्ता की निगरानी हुई, न ही तकनीकी मानकों का पालन।

गर्मी में जल्दबाज़ी में सड़कों को तैयार कर केवल बिल पास कराने की होड़ लगी थी। अब वो सड़कों की हालत सबके सामने है,”एक स्थानीय ग्रामीण।

AAP ने सौंपा ज्ञापन, जल्द करेगा आंदोलन
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने पीडब्ल्यूडी विभाग को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मांग की गई है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए और सड़कों की गुणवत्ता की स्वतंत्र जांच कराई जाए। पार्टी ने आरोप लगाया है कि रिपेयर का काम केवल भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किया जा रहा है।

“हमने अधिकारियों को साफ कहा है कि सड़कें रिपेयर कर देने से भ्रष्टाचार नहीं छुपता। हम जल्द ही क्षेत्रीय आंदोलन शुरू करेंगे,”

AAP के हरेश चक्रधारी का बयान।

सड़कों की बदहाली के कारण ग्रामीणों को रोजाना आवागमन में परेशानी हो रही है।

कुछ क्षेत्रों में एंबुलेंस और स्कूल वाहन तक नहीं पहुँच पा रहे हैं।विभागीय अधिकारी सिर्फ रिपेयर करवाकर मामले को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।

जनता की माँग:
1. सड़कों की तकनीकी ऑडिट कराई जाए।
2. निर्माण कार्य में शामिल ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
3. स्थायी समाधान और जवाबदेही प्रणाली लागू की जाए।

विभागीय अधिकारी सिर्फ रिपेयर करवाकर मामले को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।

जनता की माँग:
1. सड़कों की तकनीकी ऑडिट कराई जाए।
2. निर्माण कार्य में शामिल ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
3. स्थायी समाधान और जवाबदेही प्रणाली लागू की जाए।

जनता परेशान, प्रशासन मौन
छत्तीसगढ़ के आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में जब बुनियादी ढांचे का निर्माण भ्रष्टाचार की नींव पर हो, तो विकास खुद एक बोझ बन जाता है। यदि लोक निर्माण विभाग के इस प्रकार के कार्यों की गंभीरता से जाँच नहीं हुई, तो आने वाले समय में और भी योजनाएं कागज़ों पर ही दम तोड़ देंगी।

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