छत्तीसगढ़

एनटीपीसी के भू-विस्थापितों के आंदोलन को 100 दिन पूर्ण


0 प्रबंधन पर गुमराह करने का लगाया है आरोप
कोरबा। एनटीपीसी की कोरबा परियोजना से प्रभावित ग्राम चारपारा के 8 भू-विस्थापित परिवारों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को 100 दिन पूरे हो गए हैं। आज 101वें दिन भी उनकी हड़ताल व प्रदर्शन जारी रही। इस बीच भू-विस्थापितों ने प्रबंधन पर प्रशासन को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
22 अप्रैल 2023 से एनटीपीसी कोरबा द्वारा जारी आम सूचना अनुसार नौकरी तथा अधिग्रहण के समय, बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ग्राम चारपारा के 6 भू-विस्थापितों में से 3 भूविस्थापित विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, राकेश कुमार केवट अपने परिवार के सदस्यों के साथ, तानसेन चौक भीषण गर्मी और अब बरसात के मौसम में लगातार बैठे हुए हैं। इससे पूर्व 11 अप्रैल को अनिश्चितकालीन हड़ताल करने से पहले मुख्य महाप्रबंधक एनटीपीसी प्रबंधन को आवेदन पत्र दिया गया। कलेक्टर जन चौपाल में 13 जून को आवेदन दिया गया है इसी बीच मांग के संबंध में 3 जुलाई को एनटीपीसी कोरबा अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के नाम पत्र में पोर्टल पर निराकृत की जानकारी दी गई है जिसमें भूविस्थापितों के मांग प्रति दिगभ्रमित जानकारी दी गई है। इसके संबंध में 10 जुलाई को आवेदकों द्वारा पत्र के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया गया। परन्तु इस संबंध में किसी प्रकार का जानकारी उपलब्ध नहीं कराया गया है। भू-विस्थापितों ने बताया कि अब तक ग्राम चारपारा के लगभग 300 परिवार में मात्र 38 भूविस्थापितों को नौकरी दी गई है  और लगभग 262 परिवार आज भी नौकरी से वंचित हैं। मांग है कि सन् 2016 से एनटीपीसी सीपत बिलासपुर के 33 भूविस्थापितों को ट्रेनिंग के नाम से एनटीपीसी कोरबा में नियमित नौकरी कर रहे हैं उनके जगह एनटीपीसी कोरबा के भूविस्थापितों को दिया जाये और उन्हें वापस सीपत के प्लांट में भेजा जाये।

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