छत्तीसगढ़

जनपद सीईओ जीके मिश्रा और बाबू को अग्रिम जमानत


कोरबा। जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ जीके मिश्रा और सहायक ग्रेड-2 सुरेश पांडेय के विरुद्ध दर्ज धारा 409,34 भादवि के अपराध में उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए 50 हजार रुपये के मुचलका पर शर्तों के साथ जमानत दे दी है। 
बता दें कि श्री मिश्रा और सुरेश पांडे पर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी कि इनके द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से सरकारी राशि को अपने निजी खाते में ट्रांसफर कराया गया है। श्री मिश्रा का इस संबंध में कहना था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और जैसे ही पता चला, ब्याज के साथ सारी रकम वापस लौटा दिया। पूरी राशि लौटाने के कई महीने बाद यह शिकायत की गई है। गौरतलब है कि पिछले महीने में जिला पंचायत उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव के विरुद्ध जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद उपाध्यक्ष की ओर से सीईओ और बाबू के विरुद्ध गबन की शिकायत की गई थी। इस शिकायत के बाद श्री मिश्रा ने भी शासन-प्रशासन के ध्यान में आवेदन के जरिए यह बात लाना चाहा कि उन्होंने कोई गबन नहीं किया है लेकिन प्रारंभिक तौर पर कराई गई प्रशासनिक जांच पड़ताल में गबन होना बताकर सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया। यह एफआईआर राधेश्याम मिर्झा के द्वारा दर्ज कराई गई थी। इस मामले सीईओ जीके मिश्रा के द्वारा की गई शिकायत पर जांच अभी लंबित है। श्री मिश्रा ने शिकायत की है कि उनके विरुद्ध एक साजिश के तहत फर्जी कागजात तैयार कर शिकायत किए हैं जबकि बैंक संबंधी जो कागज सामने लाए गए हैं, वैसा पत्र उन्होंने कभी भी बैंक को नहीं लिखा है। यह पूरी तरह से फर्जी शिकायत है जिसकी जांच अभी जारी है। बहरहाल अग्रिम जमानत मिल जाने से श्री मिश्रा और सुरेश पांडे को राहत मिली है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *