छत्तीसगढ़

नियमितीकरण नहीं कराने पर नगर निगम ने सील की 9 दुकानें

कोरबा। अनियमित विकास व निर्माण का नियमितीकरण न कराने वालों के प्रति कड़ा रूख अख्तियार करते हुए नगर निगम ने मकान, दुकान को सील करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। सोमवार को 9 दुकानें सील कर दी गई। अब नियमितीकरण कराने पर ही इन दुकानों को खोला जाएगा। 
छत्तीसगढ़ शासन ने अनियमित रूप से विकास व निर्माण करने वालों के हित में निर्णय लेते हुए अनियमित विकास के नियमितीकरण की योजना लागू की है। नगर पालिक निगम द्वारा इस दिशा में ठोस कार्यवाही करते हुए अनियमित रूप से किए गए मकानों, दुकानों, भवनों आदि के निर्माण के  संबंध में सर्वेक्षण कराया गया तथा संबंधितों को नोटिस दी गई कि वे नियमितीकरण हेतु तत्काल अपने आवेदन प्रस्तुत करें तथा नियमितीकरण कराएं। निगम के अधिकारियों ने ऐसे अनियमित निर्माण करने वाले लोगों के घरों में दस्तक देकर उन्हें समझाईश भी दी तथा नियमितीकरण कराने के फायदों से उन्हें अवगत कराया किन्तु इसके बावजूद कतिपय लोगों द्वारा नियमितीकरण की दिशा में रूचि नहीं दिखाई गई और उनके द्वारा आवेदन प्रस्तुत नहीं किए गए। आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय के निर्देश पर निगम ने पं.रविशंकर शुक्लनगर में 5, निहारिका के पीछे स्थित 1 जिम, कोसाबाड़ी में 1 तथा पावर हाउस रोड में 1 दुकान, निहारिका रोड में स्थित महासेल की बेसमेंट शॉप की 1 दुकान को सील किया है। अब इन दुकानों को सीलिंग से मुक्त तभी किया जाएगा, जब उनके द्वारा नियमितीकरण कराया जाएगा अन्यथा अवैध निर्माण मानकर उस पर कार्यवाही की जाएगी। निगम के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा निगम के सभी जोनांतर्गत भ्रमण कर अनियमित निर्माण करने वालों को लगातार समझाईश व चेतावनी दी जा रही है कि वे नियमितीकरण हेतु जल्द से जल्द अपने आवेदन प्रस्तुत करें तथा अनियमित निर्माण का नियमितीकरण करा लें।
0 नियमितीकरण कराना आवश्यक, फायदें हैं अनेक 
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने ऐसे सभी अनियमित निर्माण करने वाले लोगों से कहा है कि अनियमित विकास व निर्माण का नियमितीकरण कराना आवश्यक है। नियमितीकरण के अनेक फायदें भी हैं, वहीं नियमितीकरण हो जाने पर वह निर्माण अवैध भी नहीं रह जाता बल्कि वैध व नियमानुसार हो जाता है, अत: नियमितीकरण हेतु तत्काल अपने आवेदन निगम को प्रस्तुत कर योजना का लाभ उठाएं। निगम द्वारा लगातार कार्यवाही की जाएगी, अत: किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने हेतु तत्काल नियमितीकरण कराएं। आयुक्त ने निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यवाही लगातार जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

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