मॉनीटरिंग में शिथिलता का फायदा उठा रहे कई उपार्जन समितियां
कोरबा। जिले में धान खरीदी में तेजी आने के दौरान भी मॉनीटरिंग में ढिलाई बरतने की वजह से अधिकांश किसान छले जा रहे हैं। उपार्जन केंद्रों में नियुक्त नोडल अधिकारियों के ज्यादातर गायब रहने की वजह से किसानों से निर्धारित मात्रा से अधिक धान शार्टेज के नाम पर लिए जा रहे हैं।
मंगलवार को पड़ताल में उपार्जन केंद्र लबेद तिलकेजा में किसानों से अधिक धान लेते पाया गया। लबेद में खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता, यामिनी पटेल ने मौके पर ही पंचनामा तैयार करवाकर सक्षम अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा है। बता दें कि इन दिनों उपार्जन केंद्रों में धान की आवक बढ़ी है और उसी पैमाने पर मौजूद अव्यवस्थाओं से किसानों को जूझना पड़ रहा है। समय पर राईस मिलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने की वजह से शार्टेज (बोरे में खरीदे गए नमीयुक्त धान का वजन धूप की वजह से कम हो जाने) की भरपाई किसानों से की जा रही है। उपार्जन केंद्रों में प्रति कट्टी (40 किलो धान लिए जाने वाला बारदाना) में किसानों से शार्टेज के नाम किसानों से 500 से 800 ग्राम तक अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। पड़ताल में उपार्जन केंद्र लबेद, तिलकेजा, भैसमा में यह जानकारी सामने आई। उपार्जन केंद्र लबेद में तो खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता, सुश्री यामिनी टंडन भी मौके पर पहुंची थी। इन्होंने स्वयं इस गड़बड़ी पर समिति प्रबंधक रंजीत को कड़ी फटकार लगाई व पंचनामा तैयाार सक्षम अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया है।