छत्तीसगढ़

कटघोरा वन मंडल के सप्लायर हलाकान, भुगतान देने में आनाकानी

2018-19 से लटका है भुगतान, लेखापाल पर लगे आरोप 


कोरबा। जिले के कटघोरा वन मंडल में मटेरियल सप्लायर करने वालों का भुगतान वर्षों से लटका हुआ है। यहां के बाबू और एसडीओ के रवैए से परेशान सप्लायरों ने शिकायत करते हुए भुगतान शीघ्र कराए जाने की मांग की है। डीएफओ से हुई चर्चा में जल्द ही भुगतान कराने का आश्वासन सप्लायरों को मिला है। 
कटघोरा वनमण्डल में पदस्थ सहायक ग्रेड-1 (लेखापाल) लाला राम टेकाम के विरुद्ध मटेरियल सप्लायरों द्वारा डीएफओ श्रीमती प्रेमलता यादव को शिकायत ज्ञापन सौंपा गया है। आरोप है कि लेखापाल लालाराम टेकाम की भ्रष्ट कार्य प्रणाली से आये दिन सप्लायर एवं मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार आम बात हो गई है। वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 के पुराने निर्माण कार्यों के शेष बचे भुगतान निकालने के एवज में सप्लायरों से मजबूरी का फायदा उठाते हुये एडवांस में मोटी कमीशन मांगी जाती है। इनकी बात नहीं मानने पर व्हाउचर गायब करना तथा अधिकारियों को गुमराह कर नॉन टेकनिकल जांच में उलझाकर भुगतान को पेंडिंग करने को धमकी दी जाती है। ये सिलसिला टेकाम बाबू के कटघोरा डिवीजन में पदस्थ होने से अनवरत जारी है जिस कारण पुराने मामले सुलझने की बजाय उलझते जा रहे हैं।
वर्तमान में जिन सप्लायरों ने मजबूर होकर इनके मांग पूरा किया, उनका भुगतान बिना एसडीओ, रेंजर एवं नरवा विकास इंजीनियर की जांच प्रतिवेदन के बाद भी साधारण सी नोटशीट में हो गया। जो इनके मांग को पूरा नही किये, उन्हें गुमराह कर महिनों से बेवजह जांच में उलझा कर रख दिया गया है। सप्लायरों द्वारा भुगतान क्यों नहीं हुआ पूछने पर कहा जाता है कि मैं तो एक बाबू हूँ, डीएफओ मैडम नहीं चाहती कि आप लोगों का भुगतान हो। दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि एसडीओ को पुराने भुगतान के बारे में बताकर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार लिये हो, एसडीओ को भी एकस्ट्रा कमीशन देना पड़ेगा। ये बातें पिछले महिने तक कही जाती थी, अब ये कहा जा रहा है कि जो भी पेमेंट होगा एसडीओ के द्वारा ही होगा, मैडम में तो भुगतान करने का दम ही नहीं है। सप्लायरों के मुताबकि डीएफओ द्वारा 10 दिन के भीतर भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया है। निर्माण सामग्री एवं सेटरिंग मटेरियल सप्लायर अशोक दुबे, मुकेश गोयल, रामशंकर आदि ने विभाग के रवैए पर नाराजगी जाहिर कर कहा है कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो वे कड़ा कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। 

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