पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के बिगड़े बोल — पुलिस को लतियाने की चेतावनी, खुद की ही सरकार पर हमलावर, देखिए VI

कोरबा/रायपुर, 04 अक्टूबर।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बग़ावती सुर छेड़ने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में आ गए हैं। रायपुर में कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर धरने की तैयारी कर रहे कंवर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे कहते दिख रहे हैं — “अगर पुलिस रोकेगी तो उसे लतियाऊंगा।”
यह कोई पहला मौका नहीं है जब ननकीराम के बोल बिगड़े हों। इससे पहले भी कई बार वे पुलिस और प्रशासन को लेकर आक्रामक भाषा का इस्तेमाल कर चुके हैं।
पुलिस पर पहले भी बिगड़े थे कंवर
राजनीतिक हलकों में यह याद दिलाया जा रहा है कि एक सभा में कंवर ने अपने समर्थकों से कहा था कि “अगर पुलिस पकड़ने आए तो उसे मारो।”
यही नहीं, कोरबा के कनकी गांव में सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा हटाने गई टीम को उन्होंने मौके पर पहुंचकर न केवल रोकने की कोशिश की थी, बल्कि टीम को जूता से मारने तक की बात कह दी थी।
पुराना विवाद और बदनामी
गृह मंत्री रहते हुए भी ननकीराम कंवर का तत्कालीन डीजीपी विश्वरंजन और आईजी मुकेश गुप्ता से विवाद जगजाहिर रहा है।
उनके द्वारा बनाई गई एचएम स्क्वार्ड पर पैसों की वसूली के आरोप लगे थे और सबूत सामने आने के बाद उस दस्ते को भंग कर दिया गया था।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि खुद को पाक-साफ बताने वाले ननकीराम कई बार अपने ही समर्थकों से गुमराह हुए हैं। यही वजह है कि पिछले 12 सालों में वे दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।
करीब 45 सालों से राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद उनका विधानसभा क्षेत्र रामपुर आज भी विकास की राह जोह रहा है।
जांच पर अविश्वास, अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश
ननकीराम कंवर इन दिनों कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को हटाने की मांग पर अड़े हैं। कमिश्नर स्तर से जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है, लेकिन कंवर ने इस जांच पर ही भरोसा नहीं जताया।
विडियो में वे साफ कहते दिख रहे हैं कि वे अपनी ही भाजपा सरकार के खिलाफ धरना देने रायपुर पहुंचे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह हंगामा ऐसे वक्त सामने आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। ऐसे में भाजपा की सरकार की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने में जुट गया है।
ननकीराम कंवर के बिगड़े बोल और उनकी बग़ावती राजनीति ने छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज कर दी है। सवाल यह भी है कि क्या वे प्रशासनिक अनियमितताओं के नाम पर सचमुच जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं या फिर बार-बार विवादित बोल और धरना-प्रदर्शन सिर्फ़ अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन तलाशने की कोशिश है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल देने से छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल आ गया है। सवाल यह उठ रहा है कि जिस पार्टी ने उन्हें चार दशक से अधिक समय तक सम्मान, पद और जिम्मेदारियां दीं, आखिर वही नेता आज सरकार और प्रशासन दोनों के खिलाफ क्यों उतर खड़े हुए ?
कंवर के तेवर देखकर पार्टी के भीतर ही कई कार्यकर्ता और नेता असमंजस में हैं। उनका कहना है कि इतने वर्षों का राजनीतिक अनुभव रखने वाला नेता अचानक अपनी ही पार्टी की सरकार की छवि को नुकसान क्यों पहुंचा रहा है ?

