छत्तीसगढ़

कोरबा जेल से फरार दो बंदी रायगढ़ में गिरफ्तार

कोरबा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिला जेल कोरबा से 25 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल फांदकर फरार हुए पॉक्सो एक्ट में निरुद्ध चार बंदियों में से दो को रायगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया है।

घटना के बाद से पुलिस की दो टीमें लगातार तीन दिनों तक सर्च ऑपरेशन में जुटी रहीं। इस मामले में तीन जेल प्रहरी और एक सहायक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

घटना शनिवार दोपहर करीब तीन बजे की है। बैरक नंबर 10 और 11 में बंद चार आरोपी चंद्रशेखर राठिया, सरना सिंकू, राजा कंवर और दशरथ सिदार को जेल परिसर स्थित गौशाला में बीमार गाय को दवा लगाने के लिए बाहर निकाला गया था। इसी दौरान बिजली गुल हो गई और ड्यूटी पर तैनात प्रहरी कुछ देर के लिए वहां से हट गया। इसी का फायदा उठाकर चारों बंदी जेल की 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना के तुरंत बाद एएसपी नीतीश ठाकुर, सीएसपी भूषण एक्का और सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने सर्च अभियान के लिए दो टीमें गठित की, जिनमें 8 निरीक्षक और कुल 50 जवानों को लगाया गया। संभावित ठिकानों और जंगलों में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस ने बंदियों की जानकारी देने पर 10 हजार रुपए के इनाम की भी घोषणा की थी। तीन दिन की मशक्कत के बाद सरना सिंकू और राजा कंवर को रायगढ़ में दबोच लिया गया। दोनों को कोरबा लाकर पूछताछ की जा रही है।

जेल ब्रेक की गंभीरता को देखते हुए डीजी जेल हिमांशु गुप्ता खुद शनिवार रात को कोरबा पहुंचे और रविवार सुबह जेल का निरीक्षण किया। इसके बाद जेल प्रहरी विक्रम प्रताप सिंह, ईश्वर कैवर्त और राजेश धृतलहरे को निलंबित कर दिया गया। सोमवार को सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह पर भी कार्रवाई हुई और उन्हें रायपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उनके स्थान पर बिलासपुर के वी. साहू को जिम्मेदारी दी गई है। पकड़े गए बंदियों से जेल ब्रेक की पूर्व योजना और अंदरूनी मदद को लेकर पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि पूछताछ से फरारी की साजिश और बाकी दो फरार बंदियों के ठिकानों का सुराग मिल सकता है।

 

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