छत्तीसगढ़

9 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण,कई पर था लाखों का इनाम

बीजापुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति, पुनर्वास योजना और नियद नेल्ला नार जैसी जन-उन्मुख पहलों के तहत बीजापुर में 9 कुख्यात माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में कई शीर्ष स्तरीय नक्सली शामिल हैं जिन पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था।

इन सभी ने आज दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, केरिपु सेक्टर बीजापुर के डीआईजी बी.एस. नेगी, एसपी डॉ. जितेंद्र यादव सहित विभिन्न सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया।

नक्सलियों की सूची व इनाम राशि:
बक्सू ओयाम – माड़ डिवीजन की कंपनी नंबर 01 का सदस्य, ₹8 लाख का इनामी, 2007 से सक्रिय
बुधराम पोटाम – प्लाटून नंबर 12 ACM, ₹5 लाख का इनामी, 2000 से सक्रिय
हिड़मा उर्फ हिरिया – प्लाटून नंबर 13 ACM, ₹5 लाख का इनामी, 2000 से सक्रिय
मंगू उइका उर्फ टोग्गी – टेक्निकल टीम सदस्य, ₹2 लाख का इनामी, 2004 से सक्रिय

रोशन कारम उर्फ सोनू – चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, ₹2 लाख का इनामी, 2010 से सक्रिय

मंगलों पोड़ियाम – भैरमगढ़ एरिया कमेटी सदस्य, ₹2 लाख का इनामी, 2021 से सक्रिय
कमलू हेमला – डीएकेएमएस सदस्य, 2006 से सक्रिय
बुधराम हेमला – डीएकेएमएस सदस्य, 2014 से सक्रिय
पंडरू पूनेम उर्फ पदखूटा – भूमकाल मिलिशिया कमांडर, 1997 से सक्रिय

सुरक्षा बलों की रणनीति और सफलता
यह आत्मसमर्पण छग पुलिस की डीआरजी, जिला बल, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बल की संयुक्त रणनीति और लगातार दबाव का परिणाम है। अफसरों ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और समर्पण के बाद मुख्यधारा में लौटने के अवसरों से प्रभावित होकर आए हैं।

एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने कहा कि समर्पण करने वाले माओवादियों को सरकारी योजनाओं का लाभ, पुनर्वास सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

इस आत्मसमर्पण से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि सरकार की जनहितकारी योजनाएं और सुरक्षा बलों की रणनीति नक्सलवाद को कमजोर करने में कारगर साबित हो रही है।

 

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