ग्राम अमगांव में पानी की भीषण समस्या
कोरबा। एसईसीएल की गेवरा एरिया से प्रभावित ग्राम अमगांव के ग्रामीणों ने पानी की भीषण समस्या से आक्रोशित होकर गांव में ही हडिय़ा बर्तन लेकर घंटों प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन से जल की विकराल समस्या का निदान करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर एसईसीएल के मुख्य कार्यालय पर हडिय़ा, बर्तन, मटकी लेकर प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है। आरोप है कि एसईसीएल अपने सामाजिक दायित्व को पूरा नहीं कर रही है।
गर्मी के मौसम में 42 डिग्री तापमान अभी से दर्ज होने लगा है जबकि मई-जून माह का अभी पूरा समय बचा है। एसईसीएल गेवरा-दीपका की उत्पादन क्षमता पर्यावरण विभाग से स्वीकृति होने के बाद लगातार खदान का विस्तार किया जा रहा है और इन खदानों की वजह से क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में जल की समस्या विकराल हो गई है। खदान का विस्तार व उत्पादन के साथ-साथ जल का स्रोत खत्म होने लगा है। शुद्ध पेयजल व निस्तारी के लिए भयंकर समस्या बनी हुई है जबकि इसके लिए एसईसीएल के द्वारा प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों का टेंडर किया जाता है जो कि उस एरिया के प्रभावित ग्रामों में शुद्ध पेयजल व निस्तारी मुहैया करने में असमर्थ साबित हो रही है। इस वजह से ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है जिसके कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग व खनन कार्य जोरों पर है, अधिकारी अपने उत्पादन को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। जिन्होंने अपनी जमीन देश हित के लिए दिए हैं उनकी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है,ऐसी समस्या के लिए किसको जिम्मेदार ठहरायें।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अमगांव ग्राम इकाई संयोजक अमृता यादव ने बताया कि अमगांव पंचायत को गेवरा के द्वारा अर्जन किया गया है और गेवरा के ही द्वारा दीपका को खनन कार्य के लिए दिया गया है। पानी की मांग को लेकर पिछले दिनों गेवरा सभागार में प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जिसमें प्रबंधन ने पानी की उत्तम व्यवस्था करने की बात कही थी लेकिन अब अपने बातों से मुकर रहे हैं और कह रहे हैं कि अमगांव पंचायत को पानी की व्यवस्था दीपका प्रबंधन करेगी। अब यहां यह समझ नहीं आ रहा है कि अर्जन करने वाला एरिया पानी देगा या खनन कार्य कर रहे हैं, वो देगा। हर साल लाखों करोड़ों का शुद्ध पेयजल व निस्तारी के लिए टेंडर किया जाता है लेकिन अमगांव पंचायत सहित प्रभावित ग्रामों में पानी की व्यवस्था ठीक से नहीं हो पाती है। पानी का टेंडर लेने वाले के साथ एसईसीएल और रसूखदार लोगों की सांठगांठ के कारण पानी की समस्या से ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।