कोरबा। हज यात्रा पर जाने वाले जायरीनों का सुन्नी मुस्लिम जमात के तरफ से इस्तेकबालिया (सम्मान समारोह) आयोजित किया गया है। 21 मई मंगलवार को दोपहर 12 बजे से जामा मस्जिद कोरबा में कार्यक्रम किया जाएगा। सुन्नी मुस्लिम जमात के सदर हाजी अखलाक के तरफ से यात्रियों को एहराम, तस्बीह व किताब दिया जाएगा व लोगों को हज की जानकारी दी जाएगी।
सुन्नी मुस्लिम जमात के सरपरस्त कारी सैय्यद शब्बीर अहमद असरफी ने बताया कि साल 628 में पैगंबर मोहम्मद साहब ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की थी। ये यात्रा ही इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी जिसे बाद में हज कहा गया। हर साल दुनियाभर से सभी मुस्लिम सऊदी अरब हज के लिए पहुंचते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये बकरीद यानी ईद उल अज़हा के नमाज और कुर्बानी के बाद पूरी होती है।
अखलाक खान ने बताया कि हज को हर मुस्लिम के लिए बेहद जरूरी माना जाता है क्योंकि यह इस्लाम के पांच स्तंभों कलमा, नमाज, रोजा और जकात के अलावा पांचवा स्तम्भ है। तौहीद, नमाज, जकात, रोजा आदि मुस्लिम घर में रहकर ही अदा कर सकता है, लेकिन हज करने के लिए उन्हें सऊदी अरब के शहर मक्का जाना पड़ता है, क्योंकि मक्का में ही काबा मौजूद है। जनरल सेक्रेटरी जुम्मन खान रिजवी ने बताया कि इस्लामी मान्यता के मुताबिक हज हर मुस्लिम पर फर्ज है, जिसे पूरी जिंदगी में एक बार जरूर करना चाहिए, लेकिन इसमें कुछ लोगों को छूट दी गई है। जुम्मन खान ने सम्मान कार्यक्रम समाज के लोगों से अधिकाधिक उपस्थिति की अपील की है।

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