कोरबा। सीएसईबी कालोनी कोरबा पूर्व शिव पंडाल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सहस्त्र धारा के साथ समापन हुआ। 9 दिन तक भागवत भूषण व्याकरणाचार्य कार्ष्णि नागेन्द्र महाराज के सानिध्य में संगीतमय और झांकीमय भागवत कथा का रोजाना सैकड़ों लोगों ने श्रवण किया और 29 अप्रैल को सहस्त्रधारा में सैकड़ों लोगों ने पूण्य स्नान किया। 
अंतिम दिन भगवान कृष्ण-राधा की आकर्षक झांकी का प्रदर्शन हुआ और यहां उपस्थित लोगों ने राधा कृष्ण पर पुष्पवर्षा कर आरती उतारी। कथा वाचन के अंतिम दिन आचार्य नागेन्द्र महाराज ने भागवत कथा का सार बताते हुए कहा कि हमारा मार्ग अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है भगवत प्राप्ति। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि समाज में संस्कारों का बीज बोना हमारी माताओं की बहुत बड़ी भूमिका होनी चाहिए और माताएं अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। हमारे सनातन धर्म से ही विश्व का कल्याण संभव है। ईश्वर ने हमें मानव के रूप में जो सौगात दी है, उसे मानव कल्याण के लिए लगाना चाहिए। अर्थ कमाना बूरी बात नहीं है, लेकिन पुरूषार्थ से कमाया धन घर में वैभव और समृद्धि लाता है। उन्होंने उपस्थितजनों को संदेश देते हुए कहा कि आय का कुछ अंश मानव कल्याण के लिए लगाना चाहिए और धन का यही अंश हमें कीर्ति प्रदान करता है। कथा वाचन के अंत में उपस्थितजनों ने कथाव्यास और आचार्य के श्रीचरणों को नमन किया और आचार्य ने सबको शुभाषीश दिया। सहस्त्रधारा से पूर्व जजमान के रूप में बैठे दंपत्तियों एवं आयोजक महिला मंडल के सदस्यों ने हवन-पूजन किया। घंटों तक आचार्यश्री के सानिध्य में विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार हुआ और हवन संपन्न कराया गया। कार्यक्रम के अंत में सहस्त्रधारा में सैकड़ों लोगों ने पूण्य स्नान किया और भंडारे में भोग प्रसाद ग्रहण किया। आचार्यश्री नागेन्द्र को प्रस्थान पुष्पवर्षा के साथ कराया गया। आयोजकों के स्वागत से आचार्यश्री भावविभोर हो गए और फिर से शुभाषीश देने आने के आश्वसन के साथ कोरबा से प्रस्थान किए।

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