कोरबा। सिगड़ी जलाकर सोना एक परिवार के लिए महंगा पड़ गया। ठंड से बचने परिवार ने कमरे में ही सिगड़ी रख दी थी। रात में उनका दम घुटने लगा और हालत बिगड़ गई। अन्य कमरे में सोए परिजनों ने आनन-फानन में उन्हें विकासनगर चिकित्सालय लाया जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उनकी हालत को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया।
कुसमुंडा थाना अंतर्गत न्यू रेलवे कॉलोनी में निर्मला टांडी निवासरत है। उसके घर क्रिसमस मनाने परिवार के लोग पहुंचे हुए हैं। क्रिसमस के बाद भी परिजन रेलवे कॉलोनी में ठहरे हुए हैं। शुक्रवार की रात ठंड से बचने निर्मला टांडी ने सिगड़ी जलवायी थी। कुछ देर तक आग तापने के बाद सिगड़ी को कमरे ही रखकर सभी सोने चले गए। देर रात अचानक कमरे में सोए लोगों के आखों में जलन, सिर दर्द और उल्टियां होने लगी। चक्कर आने की समस्या को देखते हुए उन्हें आनन-फानन में एसईसीएल के विकासनगर कुसमुंडा डिस्पेंसरी में लाया गया। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। लिहाजा उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में दाखिल लोगों में साइबो सोनवारी, हिमांगी नायक, नमिता नायक, नंदिनी नायक, दो पुरूष सहित 9 लोग शामिल हैं। सभी का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
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उज्ज्वला के बाद भी जला रहे सिगड़ी
कोरबा में खदानों की बहुतायत है। यहां कोयला आसानी से उपलब्ध हो जाता है। यही वजह है कि खासकर मोहल्लों और बस्तियों में सिगड़ी में ही लोग भोजन पकाते हैं। सरकार ने धुआं से मुक्ति दिलाने उज्ज्वला योजना की शुरूआत की है। जिला प्रशासन द्वारा ऐसे हितग्राहियों को उज्ज्वला योजना का लाभ भी दिया गया है। मगर गैस की बढ़ती कीमत के कारण अधिकांश उज्ज्वला कनेक्शनधारी रिफिलिंग नहीं करा पा रहे है। यही वजह है कि इस तरह के मामलों में सिगड़ी जानलेवा साबित हो रहा है।