मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को बेरोजगारी भत्ते की द्वितीय किश्त जारी की

जिले में 2679 बेरोजगार युवाओं को आज जारी किया गया बेरोजगारी भत्ता

कोरबा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बेरोजगारी भत्ते की दूसरी किश्त जारी करते हुए युवाओं से कहा कि आपको बेरोजगारी भत्ते से सहायता मिल रही है, लेकिन मुझे बेरोजगारी भत्ता देने से ज्यादा खुशी तब होगी जब आपके हाथ में रोजगार होगा। सरकारी नौकरी के लिए हम लगातार वेकेंसी निकाल रहे हैं इसके साथ ही आपको कौशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं ताकि आप अपना काम भी शुरू कर सकें। बेरोजगारी भत्ता एक छोटा सा सहयोग भर है, जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बेरोजगारी भत्ता योजना के एक लाख 5 हजार 395 हितग्राहियों के खाते में 32 करोड़ 35 लाख 25 हजार रूपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। इन हितग्राहियों में 66 हजार 185 हितग्राहियों को, जिन्हें माह अप्रैल में प्रथम किश्त की राशि जारी की गई थी, उन्हें आज द्वितीय किश्त के रूप में 16 करोड़ 54 लाख 62 हजार 500 रूपए, 24 हजार 15 हितग्राहियों को जिन्होंने 30 अप्रैल 2023 तक आवेदन किया था, उन्हें माह अप्रैल और मई दोनों माह की बेरोजगारी भत्ते की किश्त के रूप में 12 करोड़ 75 हजार रूपए की राशि जारी की गई। इसी प्रकार 15 हजार 195 हितग्राहियों को जिन्होंने मई 2023 में आवेदन किया था उन्हें आज प्रथम किश्त की राशि के रूप में 3 करोड़ 79 लाख 87 हजार 500 रूपए की राशि जारी की गई। बेरोजगारी भत्ता योजना के हितग्राहियों को प्रथम और द्वितीय किश्त के रूप में कुल 48 करोड़ 89 लाख 87 हजार 500 रूपए की राशि जारी की गई है। कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव तकनीकी शिक्षा श्री टोपेश्वर वर्मा, सचिव कौशल विकास श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री अवनीश शरण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी भत्ते की प्रथम किश्त के वितरण के समय पिछले कार्यक्रम में मैंने कहा था रोक हटते ही अखबार नौकरियों के विज्ञापन से भरे होंगे, आज हमने अपना वादा निभाया है। आज विभिन्न विभागों में लगातार भर्तियों के विज्ञापन निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोग रहते हैं। कुछ लोग मजदूरी करते है, तो कुछ लोग खेती-किसानी, तो कुछ लोग छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। सभी की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती। इन परिवारों के युवाओं को लगता है कि माता-पिता ने हमें लिखा-पढ़ा दिया लेकिन हम माता-पिता पर आश्रित हैं। ऐसे युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलने वाली 2500 रूपए की राशि उनके लिए बड़ा सहारा है। इस राशि से प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताब खरीदने आदि कार्यों में मदद मिलती है। राज्य सरकार ने व्यापम, पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं की परीक्षा फीस माफ कर दी हैं। इससे इन परिवारों का आर्थिक बोझ कम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे स्वरोजगार और रोजगार के लिए तैयार हो सकें। रीपा में छोेटे-छोटे कुटीर उद्योगों के जरिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, रीपा योजना, कृषि और वन आधारित उद्योगों की स्थापना, कृषि और वनोपजों का प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, सी-मार्ट की स्थापना, रोजगारोन्मुखी स्कूली शिक्षा की शुरुआत जैसे अनेक कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ आज देश में न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य है, हमारी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ की यह पहचान आगे भी बनी रहे।


कोरबा जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष से कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा, जिला पंचायत के सीईओ श्री विश्वदीप, डिप्टी कलेक्टर ऋचा सिंह, रोजगार अधिकारी श्रीमती रामेश्वरी कंवर सहित योजनांतर्गत लाभान्वित होने वाले युवा वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए। डिप्टी कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के कुल 2679 बेरोजगार युवाओं को आज बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया गया है। जिसमें 1434 हितग्राहियों के खाते में द्वितीय किश्त की राशि अंतरित की गई एवं 1245 हितग्राहियों के खाते में अप्रैल एवं मई माह की राशि एक साथ प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले जिले के कुल 160 बेरोजगार युवाओं का चयन लाईवलीहुड कॉलेज के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए किया गया है। जहां इन्हें डाटा एंट्री ऑपरेटर, सिलाई मशीन, फैशन डिजाइनर, असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन जैसे विभिन्न रोजगारोन्मुखी व्यवसायों का आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे वे स्वरोजगार और रोजगार के लिए तैयार हो सकें।

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