बिलासपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : धान की जल्द पकने वाली फसल की कटाई का काम शुरू हो गया है. सरगांव बिल्हा क्षेत्र के किसान फसलों की कटाई में जुट गए हैं. किसानों का कहना है कि पखवाड़े भर हुई बारिश से धान की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है और अब फसल को जल्द नहीं काटा गया, तो बची फसलों को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा. खेतों में फिलहाल पानी भरा है. इसके बाद भी मशीनों का आसरा छोड़कर स्वयं ही धान की कटाई कर रहे हैं.
नुकसान हुए धान में जड़ें जम गई है, जिससे किसानों को धान बिक्री की चिंता भी सताने लगी है. धान खरीदी के लिए जिम्मेदारों ने पहले ही साफ-सुथरा धान और सूखे धान की खरीदी का फरमान जारी कर दिया है. ऐसी स्थिति में अब किसान खराब हुए धान को औने पौने दाम में बिचौलियों को बेचने के लिए फिर से मजबूर हो सकते हैं.
धान की फसलें बुरी तरह से प्रभावित
किसानों ने इस बार अच्छी बारिश से बेहतर फसल उत्पादन की उम्मीद की थी, लेकिन मानसून के अंतिम दिनों में खेतों में खड़ी फसल पर कहर बरपाया है, जिससे धान की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई है और फसल से ज्यादा मुनाफा पाने की उम्मीद टूट गई.
पहले ही 25 फीसदी फसल का नुकसान
किसान बताते हैं कि कीट प्रकोप से फसलों को पहले ही 25 फीसदी का नुकसान हो चुका है और अब खड़ी धान की फसल में बेमौसम बारिश की वजह से नई मुसीबत सामने आ रही है. बेबस किसान पकी और आधी पकी फसलों को किसी तरह सहेजने में लगे हुए हैं. अब देखना होगा की बची धान की फसल और बीमा राशि समेत प्रोत्साहन राशि का किसान को कब तक कितना लाभ मिल पाएगा.