0 जनरेशन कंपनी के संयंत्रों से हो रहा 2200 मेगावाट से अधिक उत्पादन
कोरबा। प्रदेश में बिजली की डिमांड में कमी के बीच राहत की बात है कि उत्पादन कंपनी के संयंत्रों की सभी इकाइयों से बिजली बन रही है। रविवार को एचटीपीपी से 1340 मेगावाट के मुकाबले 1067, डीएसपीएम से 500 के मुकाबले 397 और मड़वा से 1000 मेगावाट के मुकाबले 732 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। बांगो हाइडल प्लांट से भी अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। मांग कंट्रोल में रहने के बीच जनरेशन कंपनी के संयंत्रों से पर्याप्त बिजली बन रही है।
मौसम में आए बदलाव से तापमान का पारा नीचे गिर गया है। जिसका असर बिजली की डिमांड पर भी देखने को मिल रहा है। अप्रैल शुरुआत में जहां बिजली की डिमांड 5000 मेगावाट तक पहुंच रही थी। उसमें अप्रैल के अंतिम दिन रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई। रविवार को बिजली की डिमांड 3600 मेगावाट तक पहुंच गई थी। प्रदेश में मौसम एक बार फिर बदल गया है। अधिकांश जिलों में बारिश हो रही है। जिसकी वजह से बिजली की डिमांड में कमी दर्ज की गई है। वैसे तो अप्रैल में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग 5000 मेगावाट तक पहुंच जाती है, लेकिन इस बार अप्रैल के कुछ दिनों में ही डिमांड अधिक रही। जब-जब मौसम में बदलाव हुआ डिमांड में कमी आई। रविवार को पुन: कुछ इसी तरह की स्थिति बनी रही। बिजली की डिमांड शाम को 3636 मेगावाट तक दर्ज की गई। इस तरह डिमांड में लगभग 14 मेगावाट की गिरावट आई है। मांग में कमी होने की वजह से सेंट्रल सेक्टर पर दबाव काफी कम रहा। सेंट्रल सेक्टर से इस दौरान 1360 बिजली ड्रॉल की गई। उत्पादन कंपनी के संयंत्रों से लगभग 2200 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। मांग में कमी आने की वजह से जनरेशन कंपनी के संयंत्रों पर से भी उत्पादन का दबाव कम हुआ है। बिजली की डिमांड ज्यादा थी तो सेंट्रल सेक्टर से 2700 मेगावाट तक बिजली लेनी पड़ रही थी। आगामी दिनों में भी बारिश की संभावना को देखते हुए मई शुरुआती सप्ताह में बिजली की डिमांड कम रहने की संभावना है। हालांकि इसके बाद गर्मी बढ़ेगी तो डिमांड फिर बढ़ जाएगी। इसे लेकर उत्पादन कंपनी के संयंत्र में तैयारियां की गई है।