हिमांशु डिक्सेन ( कोरबा ) – :यह छतीसगढ़ी रचना इन दिनों प्रदेश के लिए अक्षरशः साबित हो रहा है।वैसे भी देश इन दिनों मौसम की दोहरी मार झेलने को मजबूर है।पूर्वोत्तर देश बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित हैं तो दूसरी ओर मध्य एवं पश्चिम भारत में सूखे के कारण हाहाकार मचा हुआ है।
अमूमन छत्तीसगढ़ में 15 जून तक मानसून प्रवेश कर जाता है। लेकिन विगत दो-तीन दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिस सावन में बारिश की झड़ी लगी रहती है इस मौसम में खेतों में धूल उड़ रही है।इस वर्ष अब तक मानसून की पहली बारिश का क्षेत्र के किसानों आमजनों को इंतजार है।जबकि अभी सावन का 10 दिन भी गुजर चुका है क्षेत्र में किसानी कार्य महज 25 फीसदी हो पाया है। कमोबेश यही स्थिति पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में है। खेती किसानी का कार्य तो पिछड़ा ही है, आमजन गर्मी और उमस से हलाकान हैं और मानसून की मूसलाधार भारी बारिश का इंतजार करने को मजबूर है।
ज्ञात हो कि विगत 3 वर्ष से अल्पवृष्टि और अनियमित व खण्ड वर्षा के कारण आपदा झेल रहे पाली विकासखण्ड में इस वर्ष भी अब तक बेहद कम बारिश होने की वजह से खेतों में हालात चिंताजनक है।हर किसान अपनी खेतों को देखकर आसमान की ओर टकटकी लगाने मजबूर है।पिछड़े किसानी कार्य से किसानों की उम्मीदें भी पस्त होते जा रही है।ऐसे में बारिश होने को लेकर किसान वर्ग ऊपर वाले पर आस लगाए बैठा है।
उम्मीद के मुताबिक़ बारिश नहीं होने से किसान काफी हताश हो चुके है।और मौसम की इस प्रकार बेरुखी से किसानो में काफी मायूस हो गए है।हर किसान अपने-अपने इष्टदेव से अच्छी बारिश के लिए दुआएं कर रहे है।क्योंकि अधिकतर किसान अभी तक रोपा नही लगा पाए है।तथा जिनकी फसल खेतों में लग गई है वे भी बारिश के अभाव में मुरझा गए है।इस अनावृष्टि को लेकर वरुणदेवता- इंद्रदेव को प्रसन्न करने गत दिनों अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रज्ञा मंडल डोंगानाला द्वारा ग्राम तिलैहा में विशेष पूजन अर्चन एवं यज्ञ किया गया।जहाँ इस सूखा आपदा से निबटने के लिए ईश्वर का आह्वान किये जाने को लेकर गायत्री परिवार के पाली ब्लाक समन्वयक एवं हरिद्वार शांतिकुंज से प्रशिक्षित परंपरागत वैघ रामफल पटेल के नेतृत्व में ग्राम पंचायत पोलमी के आश्रित ग्राम तिलैहा में 108 आहुति देकर पूजन-हवन एवं यज्ञ किया गया।जिसमें ग्राम व आसपास के कृषकगण उपस्थित थे।