कोरबा। बारिश का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण अंचलों और उपनगरीय क्षेत्रों में आवागमन की समस्या फिर से सिर उठाने लगी है। समय रहते निर्माण व मरम्मत संबंधी कार्यों में अपेक्षित गति नहीं लाने और अनदेखी करने के कारण इस तरह की समस्या से लोग पुन: जूझने लगे हैं। पाली विकासखंड अंतर्गत पाली-पोड़ी मुख्य मार्ग पर निर्मित वैकल्पिक कच्ची सडक़ एक बार फिर बीच से कटकर बह गई है। इसके साथ ही लगभग 15 से 20 गांवों का सीधा संपर्क कट गया है। 
पोड़ी-पाली मुख्य मार्ग से होकर बहने वाले गुंजन नाला पर पुल निर्माण की जरूरत वर्षों से बनी हुई है। गुंजन नाला पर पुल के साथ-साथ सडक़ का भी निर्माण कार्य हो रहा है। निर्माण कार्यों के कारण लोगों के आवागमन हेतु संंबंधित ठेकेदार के द्वारा वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है जो नाला के ऊपर से ही होकर गुजरा है। पिछले तीन दिनों से हो रही थम-थम कर लेकिन मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नालों में जल स्तर बढऩे के साथ-साथ पानी का बहाव तेज हुआ है। ऐसे ही तेज बहाव में सडक़ बह गई। ग्राम नानपुलाली में ह्यूम पाइप के ऊपर मुरूम और मिट्टी बिछाकर बनाई गई कच्ची सडक़ आज शाम लगभग 6 बजे बीचों बीच पानी के तेज बहाव के कारण कटकर 2 भाग में बंट गई। इसके साथ ही इस प्रमुख रास्ते से जुड़े ग्राम पोड़ी, सिल्ली, बतरा, लहरापारा, पोलमी, परसदा, सोनसरी सहित करीब 15 से 20 गांवों का आवागमन प्रभावित हो गया है। इस रास्ते से दुपहिया सहित चार पहिया वाहनों का आवागमन होता था जो अब थम गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी जुलाई माह में यह मिट्टी निर्मित सडक़ बह गई थी। सडक़ बहने का यह तीसरा मामला है लेकिन लंबे चलने वाले पुल के निर्माण के दृष्टिगत ठेकेदार के द्वारा कम से कम नाला के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्वक कार्य कराया जा कर मजबूत निर्माण कराना चाहिए, जिसे दरकिनार किया गया। नाला पर निर्मित यह वैकल्पिक मार्ग आगामी दिनों में भी काम ही आता। 
पोड़ी-पाली मार्ग में निर्मित सडक़ के बह जाने से ग्रामवासियों को अब लंबी दूरी तय कर आना-जाना होगा। स्थानीय निवासी दीपक साहू ने बताया कि पोड़ी से पाली की दूरी महज 7 किलोमीटर है लेकिन सडक़ बह जाने के कारण अब पोड़ी से लाफा होते हुए पाली जाना पड़ेगा। घूमकर यह दूरी तय करने से 17 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना होगा। इस मार्ग से रतनपुर की ओर से आना-जाना करने वाले लोग भी गुजरते हैं, जिन्हें भी दिक्कत होगी।

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