कोरबा। जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक चेक डिस्ऑनर होने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोप सिद्ध होने पर अपना निर्णय दिया। उक्तानुसार स्थानीय निवासी पर 32.70 लाख रुपए की पेनाल्टी करने के साथ एक वर्ष की सजा दी गई।
जानकारी के अनुसार बालाजी फ्यूल्स से ट्रांसपोर्टर ने वर्ष 2017 से अपने ट्रकों के लिए डीजल लिया। वर्ष 2018 से 2019 के मध्य 35 लाख 28 हजार 763 रुपए बकाया हो गए जिसमें से कुछ राशि की अदायगी के बाद 30 लाख का चेक संचालक संजय पुंडलिक को दिया गया। परन्तु ट्रांसपोर्टर के खाते में अपर्याप्त राशि होने पर संबंधित चेक अनादरित हो गया। संचालक के द्वारा इस पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोरबा के न्यायालय में धारा 138 के अंतर्गत परिवाद प्रस्तुत किया गया। न्यायाधीश बृजेश राय के द्वारा ट्रांसपोर्टर को 12.4.2022 को दोष सिद्ध किया गया था। इस मामले में श्री श्रीवास्तव ने एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट में दांडिक अपील 27/2022 लगाई थी। बताया जा रहा हैं की दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश श्रीमती ज्योति अग्रवाल के द्वारा आरोपी ट्रांसपोर्टर पर दोष सिद्ध होने पर 32 लाख 70 हजार के जुर्माने और एक वर्ष के कारावास से दंडित किया गया। 2 सितंबर 23 को यह आदेश दिया गया। इस मामले में पीडि़त पक्ष की ओर से एस.वी. उपाध्याय और यासिन मेमन ने पैरवी की।