कोरबा। बारिश के कारण जल का स्तर बढऩे की वजह से नहरों में पानी व्यापक मात्रा में छोड़ा जा रहा है। हसदेव बायीं तट नहर जो कि कोरबा से सक्ती होते हुए आगे की ओर बढ़ी है, उसमें भी पानी लबालब बह रहा है। इस नहर का तटबंध आज सुबह छोटे से सुराख से होते-होते बड़े पैमाने पर फूट गया और देखते ही देखते सैंकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों द्वारा यहां पहुंच कर आवश्यक व्यवस्थाओं को अंजाम दिया गया। घटना में ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है।
जानकारी के अनुसार करतला ब्लाक के ग्राम पंचायत बुढिय़ापाली अंतर्गत चुईया में यह घटना हुई है। ग्राम सरपंच हेम सिंह कंवर ने बताया कि चुईया, डिंडोरी से होते हुए सक्ती जाने वाले नहर मार्ग पर दिनभर आवागमन होता रहता है। आज सुबह करीब 8 बजे उसने नहर की दूसरी ओर खेत की तरफ छोटे से सुराख से पानी बहते हुए देखा था और इसके संबंध में सूचना सिंचाई विभाग को दिया था। किसी सर्प अथवा जंतु के जरिए नहर के उस पार से इस पार तक किए गए इस सुराख से बह रहा थोड़ा-थोड़ा पानी सुबह करीब 9.30 बजे भयानक स्वरूप ले लिया। नहर का किनारा फूटने के साथ ही काफी तेज बहाव से पानी सडक़ को काटते हुए दूसरी ओर खेतों में समाने लगा। इससे पहले घटना के अंदेशा को भांपते हुए सरपंच और उसके साथी सडक़ पर मौजूद होकर आने-जाने वालों को रोकते रहे और इसी दरम्यान सडक़ को काटते हुए नहर का पानी दूसरी तरफ बहने लगा। यदि सरपंच सजग नहीं होता तो जनहानि हो सकती थी। तेज बहाव से खेतों में पानी समाने लगा। संयोग रहा कि यह घटना दिन के वक्त हुई और यदि रात के समय तटबंध फूटा होता तो लोगों को जानकारी नहीं मिलती और नजदीकी गांव जलमग्न हो जाते।
घटना की जानकारी देने के साथ ही सिंचाई विभाग के द्वारा नहर का पानी रोकने की कवायद शुरू की गई। तहसीलदार राहुल पाण्डेय मौके पर पहुंचे और पटवारियों के साथ प्रारंभिक तौर पर मुआयना भी किया। तहसीलदार ने बताया कि लगभग 40 किलोमीटर लंबी नहर में करीब 20 फीट पानी बह रहा था। रात लगभग 9 बजे तक 15 फीट पानी कम किया जा सका है। जल संसाधन के अधिकारियों के मुताबिक देर रात तक पूरा पानी रोका जा सकेगा। पानी बंद होने के बाद ही मरम्मत कार्य संभव होगा। श्री पाण्डेय ने बताया कि नहर के पानी से बड़े पैमाने पर खेत और फसल प्रभावित हुए हैं, गांव प्रभावित होने से बच गए हैं। नुकसानी का आंकलन जल्द ही किया जाएगा।