दंतेवाड़ा। जंगलों में नक्सलियों को मात देने वाला जवान आज मच्छरों के डंक से हार गया। मलेरिया पीड़ित डीआरजी के एएसआई भीष्म कतलाम की सोमवार की सुबह जिला हॉस्पिटल में मौत हो गई। जबकि उसके एक दर्जन से अधिक साथी मलेरिया की शिकायत पर हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उनका उपचार चल रहा है। मृत जवान का शव उसके गृहग्राम बेलटिकरी (राजनांदगांव) भेज दिया गया।

डिस्ट्रिक्ट रिजर्व फोर्स के जवान इन दिनों मच्छरों से पस्त हो रहे हैं। जंगलों में सर्चिंग और कैंप में बचाव के उपाय के बाद भी मच्छरों के दंश नहीं सह पा रहे हैं। ऐसे एक जाबांज एएसआई भीष्मसिंह कतलाम ने पेल्सीफेरम मलेरिया से दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों बैलाडिला के पहाड़ी में लगातार चार दिनों की सर्चिंग के बाद लौटा था। बुखार की शिकायत पर रविवार को उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पेल्सीफेरम मलेरिया की पुष्टि के बाद उपचार शुरू ही हुआ था कि सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। जबकि जिला हॉस्पिटल में डीआरजी और एसटीएफ के एक दर्जन से अधिक जवान पिछले तीन दिनों में उपचार के लिए भर्ती हैं।

इनमें से अधिकांश का ब्लड सैंपल मलेरिया पॉजीटिव मिला है। बताया जा रहा है कि सभी जवान पुलिस लाइन कारली और पालनार कैंप में पदस्थ हैं। ये सभी जवान बैलाडिला की पहाड़ी पर सर्चिंग में गए थे। वहां से लौटने के बाद इन्हें बुखार और मलेरिया की शिकायत हुई है।

दो बार ले चुका था आउट आफ टर्न प्रमोशन

साथी जवानों के मुताबिक मच्छरों से मात खाने वाला भीष्मसिंह जाबांज था। हर मोर्चे पर नक्सलियों पर भारी रहता था। यही कारण को पुलिस में आरक्षक के रूप में भर्ती होने के बाद दो बार उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और एएसआई बना था। विभाग के मुताबिक पिछले दो साल में जिले के दो बड़े मुठभेड़ में शामिल होकर नक्सलियों को मार गिराया था। कटेकल्याण ब्लॉक के कुन्ना डब्बा और नागलगुड़ा मुठभेड़ में फोर्स ने करीब दस नक्सलियों को मार गिराया था। इन दोनों मुठभेड़ों में शामिल रहने वाले भीष्म को आउट आफ टर्न प्रमोशन दिया गया था।

अभी ये जवान हैं हॉस्पिटल में भर्ती

जिला हॉस्पिटल में पालनार और पुलिस लाइन के डेढ़ दर्जन जवान उपचार के लिए भर्ती हैं। इनमें एसटीएफ और डीआरजी के जवान मनोज नाग, अभय मिश्रा, कवलभान सिंह, महेंद्र श्याम, शिशुपाल, रघुराज सिंह यदु, चंद्रशेखर ठाकुर, बृजमोहन मिंज, रतिराम, अमित नाग आदि शामिल है। हॉस्पिटल सूत्रों के मुताबिक दिसंबर माह में भी करीब तीन दर्जन से अधिक जवान हॉस्पिटल में भर्ती थे। जिन्हें मलेरिया पॉजीटिव पाया गया था।

इसी एरिया में रहता है गणेश उइके

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों का डीवीसी मैंबर गणेश उइके बैलाडिला के इसी पहाड़ी में अपना डेरा डाल रखा है। सूचना पर फोर्स के चुनिंदा जवान पिछले दिनों किरंदुल, पालनार और दंतवाड़ा पुलिस लाइन से पहाड़ी को घेरते वहां पहुंचे थे। लेकिन फोर्स उन तक नहीं पहुंच पाई।

मुठभेड़ में नक्सली अपने लीडर गणेश उइके को खाट में उठाकर भाग निकले। इस दौरान मौके से प्रिंटर, बम और तेलगू भाषा में लिखे नक्सली साहित्य बरामद हुए थे। पहाड़ से वापसी के दौरान फोर्स को नक्सलियों ने मुठभेड़ के साथ स्पाइक होल में भी फंसाने की कोशिश की थी। लेकिन नक्सली अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।

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