कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे की अगुवाई में संघ ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को संघ की ओर से पत्र लिखकर अपनी 5 बिंदुओं पर मांगों को दर्शाते हुए तहसीलदारों को सम्मानजनक व अन्य समकक्ष अधिकारियों के समान सातवें वेतनमान आयोग के लेवल 12 की गणना अनुसार वेतन प्रदाय किए जाने की मांग रखी है।
बतादें की तहसीलदार प्रशासन के अत्यंत महत्वपूर्ण अंग बनकर राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने के साथ ही कानून व्यवस्था, अतिवृष्टि, अल्प दृष्टि, सूखा बाढ़, जनगणना, निर्वाचन, कार्यपालिक दंडाधिकारी के रूप में शव पंचनामा, शिनाख्ती की कार्यवाही करना, जन समस्या निवारण शिविरों में प्रकरणों एवं समस्याओं का निराकरण, राजस्व वसूली, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण करना प्रोटोकॉल अंतर्गत वीआईपी ड्यूटी के साथ ही जिला प्रशासन के महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभाते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए शासन के सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं के समय अनुकूल एवं गुणवत्ता पूर्वक निराकरण में सहभागी बनकर कार्य करते हैं।
परंतु वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत लंबे अरसे से वेतन में सुधार नहीं होने के कारण कार्यस्थल पर अन्य समकक्ष अधिकारियों की तुलना में वेतन कम मिलने के कारण उपेक्षित एवं हीन भावना से ग्रस्त हैं। वेतन में सुधार कर तहसीलदारों को सम्मानजनक व अन्य समकक्ष अधिकारियों के समान सातवें वेतनमान आयोग के लेवल 12 की गणना अनुसार वेतन प्रदाय किए जाने हेतु अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से पत्र द्वारा अपनी मांग रखी है।
छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पत्र लिखकर निवेदन किया है, कि तहसीलदारों की कार्य की प्रकृति जिम्मेदार आदि के दृष्टिगत वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में सुधार करते हुए सम्मानजनक व अन्य समकक्ष अधिकारियों के समान सातवें वेतनमान आयोग के लेवल 12 या समकक्ष गणना अनुसार वेतन प्रदाय किए जाने की मांग की है।
इसके अलावा संघ के माध्यम से राजस्व न्यायालयों में व्याप्त संशाधनों की कमी को दूर करने हेतु भौतिक व मानव संशाधन की मांग, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित का दर्जा, पदोन्नति में टाइमस्केल अनुसार लाभ दिए जाने सहित शासकीय आवास व वाहन की उपलब्धता हेतु निवेदन करते हुए मांग पत्र प्रस्तुत कर शासन से मांग की है।

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