कोरबा। जिले में पशुधन विकास विभाग द्वारा पशुओं के उपचार, संवर्धन एवं परिरक्षण की दिशा में सतत् कार्य किया जा रहा है। उप संचालक पशुचिकित्सा सेवाएं से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 13 पशु चिकित्सालय 28 पशु औषधालय संचालित है। सभी पशु चिकित्सा केन्द्रों में पशु उपचार, कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, बधियाकरण की सुविधा, सडक़ दुर्घटनाओं एवं संक्रमण रोग के रोकथाम के लिए मोबाइल यूनिट उपलब्ध है। जिला रोग अन्वेषण प्रयोगशाला में पशु से सम्बंधित रोगों की जाँच सुविधा उपलब्ध है, जिस हेतु नमूना नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र अथवा सीधे प्रयोगशाला को भेजे जा सकते हैं। सुविधा के अनुसार जाँच प्रतिवेदन से सम्बंधित संस्था को अवगत कराकर उपचार प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त घायल पशुओं के लिए जिले में 06 शासकीय अनुदान प्राप्त गौशालाएं संचालित हैं। जिसके अंतर्गत कोरबा विकासखण्ड में जय माँ भवानी गौशाला कुदुरमाल व माँ भवानी गौ आश्रम समिति कोहडिय़ा शामिल हैं। इसी प्रकार कटघोरा में अग्रसेन गौशाला कनबेरी, पोंडी उपरोड़ा में स्वामी भजनानंद आदर्श गौशाला केंदई, करतला में स्व. वैद्य नत्थू राम कौशिक गौशाला चिचोली एवं पाली विकासखण्ड में कामधेनु गौशाला मुरली संचालित हैं। शासन द्वारा पशु चिकित्सा सुविधा को और बेहतर किए जाने हेतु जिले को 06 मोबाइल वेटरनरी वेन (चलित पशु चिकित्सा इकाई) की सुविधा 15 अगस्त से प्रदाय की जा रही है। जिसके टोल फ्री नं 1962 पर पशुपालक अपने पशुओं के चिकित्सा आदि सेवाओं हेतु कॉल कर सुविधा का लाभ ले सकते हैं। शुरुआती दौर में सभी चलित चिकित्सा इकाई प्रतिदिन 02 गौठानो में अपनी सेवाएँ देंगे।