जांजगीर-चांपा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : जिले में मवेशी तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अपराधियों पर उचित कार्रवाई के अभाव में गोरखधंधे से जुड़े लोगों के हौसले बुलंद हैं. प्रदेश में भूपेश सरकार गौठान और गोबर को महत्व दे रही है, लेकिन गोधन की रक्षा के लिए कोई कड़ा कानून नहीं है. मालखरौदा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मवेशियों की तस्करी कर रहे एक आरोपी को पकड़ा है.

दरअसल जिले के चन्द्रपुर विधानसभा क्षेत्र के मालखरौदा थाना क्षेत्र और डभरा थाना क्षेत्र में लंबे समय से मवेशियों की तस्करी कर बूचड़खाने ले जाने वाले माफिया सक्रिय हैं. मालखरोदा प्रभारी थाना अब्दुल शफीक खान ने बताया कि जिले के डभरा, मालखरौदा, हसौद और आसपास के थाना क्षेत्रों में मवेशी तस्कर सक्रिय हैं, जो बेजुबान जानवरों को बेरहमी से पीटते हुए तस्करी करके लेकर जाते हैं और गांव के सुनसान जगह पर बांध देते हैं. वहीं रात में कंटेनर या पिकअप वाहन से बाहर के तस्करों को बुलाकर बाहर भेजते हैं.

थाना प्रभारी ने बताया कि जिले के अंतर्गत मालखरौदा में एक आरोपी कंटेनर में कई मवेशियों को एक साथ भरकर पश्चिम बंगाल ले जा रहा था. जिसकी सूचना पुलिस को मिली, जिस पर पुलिस ने 13 अक्टूबर को रात 12 बजे के लगभग छपोरा बस स्टैंड के पास घेराबंदी की और डभरा की ओर से आ रहे कंटेनर को रोका. इसके बाद वाहन की तलाशी ली गई, जिसमें 40 से ज्यादा मवेशियों को एक साथ भरकर ले जाया जा रहा था. इसके बारे में पुलिस ने आरोपी को वैध दस्तावेज दिखाने को कहा, लेकिन वह नहीं दिखा पाया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं पुलिस ने मवेशियों को गौठान में रखा है.

गौरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग

छत्तीसगढ़ सरकार ने मवेशियों के संरक्षण के लिए गौठान का निर्माण कराया, बावजूद इसके प्रदेश में लगातार मवेशियों की तस्करी की जा रही है. इसके साथ ही गौ रक्षा के नाम पर मारपीट और मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी आए दिन देखने को मिल रही हैं

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