0 5 दशक पूर्व निर्मित कालोनी की सुध आखिर कौन लेगा?


कोरबा। पुराना कोरबा शहर के मध्य वार्ड क्र. 11 नई बस्ती के अंतर्गत स्थित सिटी कोतवाली की कालोनी जर्जर होती जा रही है। कालोनी के जर्जर आवासों में आज भी पुलिस कर्मी अपने परिवार के साथ गुजर-बसर कर रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में होने के बावजूद न तो नगर निगम सुध ले रहा और न ही विभागीय तौर पर इस कालोनी के जीर्णोद्धार अथवा पुन: निर्माण के लिए सकारात्मक कोशिश हो पा रही है। डीएमएफ मद से भी कोई राहत कोतवाली कालोनी को नहीं है तो वहीं निगम ने इसे पीडब्ल्यूडी के स्वामित्व का बताया है। 
थाना कोतवाली से लगी पुलिस कर्मियों की आवासीय कालोनी का निर्माण लगभग 50 वर्ष पूर्व कराया गया है। खपरैल और शीटयुक्त मकानों के अलावा पक्के मकान भी यहां निर्मित हैं जो वर्षों से जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। इन जर्जर मकानों में रहने वाले एएसआई, प्रधान आरक्षक व आरक्षक वर्ग के कर्मचारियों और उनके परिजनों को हर समय खतरा बना रहता है। 
यहां के आवास और निर्मित नालियां, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था से लेकर विद्युत सुविधा अपनी बदहाली की कहानी बताने के लिए पर्याप्त हैं। रहवासी पुलिस कर्मी और उनके परिजन मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझते हैं। कालोनी की नालियां व सीवरेज जर्जर और जगह-जगह धंस चुकी हैं। पेयजल की भी समस्या से जूझ रहे हैं तो नए विद्युतीकरण के लिए आवश्यकता भी बनी हुई है। नि:संदेह कोरबा शहर व जिलावासियों की सुरक्षा में ये पुलिस कर्मी दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें अपने व परिजनों के जान-माल की सुरक्षा के भी तनाव से जूझना पड़ रहा है। टूटी-फूटी नालियों के कारण कचरों का ढेर व बजबजाती गंदगी से संक्रामक रोगों से भी ये ग्रसित होते रहते हैं। इन सब कारणों से इनके कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सुरक्षा जैसा महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करने वाले इन पुलिस कर्मियों व उनके परिजनों को बेहतर आवास, साफ-सुथरा माहौल, बच्चों के लिए खेल का मैदान उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा समन्वित कार्ययोजना पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर तैयार किए जाने की जरूरत लंबे समय से बनी हुई है। इसमें कोई संदेह नहीं कि बेहतर आवास और वातावरण मिलने से पुलिस कर्मी तनाव से मुक्त होकर और भी बेहतर ढंग से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकेंगे। 

सिटी कोतवाली कालोनी का जीर्णाेद्धार के लिए वार्ड 11 के पार्षद दिनेश सोनी अपने पिछले कार्यकाल से ही लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने अनेक पत्र इस संबंध में लिखे और उम्मीद भी जताई कि नगर निगम के मद अथवा जिला खनिज न्यास मद से कालोनी का जीर्णोद्धार हो जाए लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। श्री सोनी ने नगर निगम की साधारण सभा में कोतवाली कालोनी से संबंधित सवाल किया था जिस पर जवाब मिला कि यह कालोनी लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व में है इसलिए निर्माण/मरम्मत की जवाबदेही उसी की है। खनिज न्यास मद से कालोनी परिसर का विकास एवं उत्थान हेतु निगम के प्रयास व बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति का दायित्व के सवाल पर उत्तर मिला कि निगम क्षेत्रांतर्गत विकास कार्यों के लिए हमेशा प्रयत्नशील है। सिटी कोतवाली एवं कालोनी के विकास कार्य हेतु किसी वित्तीय संस्थान अथवा राज्य शासन से राशि प्राप्त होने पर अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा। इस जवाब के बाद श्री सोनी ने लोक निर्माण विभाग कोरबा संभाग के कार्यपालन अभियंता को पत्र लिखकर कालोनी के मरम्मत एवं निर्माण के लिए शहर विकास के क्रम में गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए ठोस निर्णय हेतु पहल करने का आग्रह किया है। पत्र की प्रतिलिपि शासन के मुख्य सचिव, कलेक्टर एवं आयुक्त को भी प्रेषित की गई है। 

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