कवर्धा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : बैंक सखियों ने 6 महीने में गांव में 8 करोड़ 56 हजार रुपये से अधिक राशि का वितरण कर ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इन बैंक सखियों ने घर-घर जाकर बैंक का लेन-देन कर ग्रामीणों को राहत दी है.
ग्रामीणों तक पहुंच रही बैंक सखियां
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत कबीरधाम जिले में कार्यरत 92 बैंक सखियों ने अप्रैल माह से अबतक 8 करोड़ 56 लाख 17 हजार 955 रुपये का वितरण विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को किया है. बैंक सखियों ने योजना के तहत 68 हजार 138 लेन-देन करते हुए जिले के ग्रामीणों को राहत पहुंचाई है.
मनरेगा का कर रही भुगतान
लॉकडाउन में किया राशि का भुगतान
पूरे देश में जिस समय लॉकडाउन की वजह से आर्थिक और व्यवसायिक गतिविधियां बंद थी उस समय बैंक सखियां घर-घर पहुंचकर लोगों को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान कर रही थी. शासन की सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ बैंक सखियों ने घर पहुंचकर ग्रामीणों को दिया. विधवा पेंशन योजना, विकलांग पेंशन योजना और निराश्रित पेंशन योजना के हितग्राहियों को खाते से आधार बेस्ड पेयमेंट के माध्यम से बायोमैट्रिक के जरिए बिना बैंक जाये घर में ही राशि प्रदान की गई.
मंत्री अकबर ने की थी शुरुआत
कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के मार्च 2020 में आदर्श गौठान बिरकोना के कार्यक्रम में बैंक सखी योजना कि शुरुआत की थी. मंत्री मोहम्मद अकबर ने 92 बैंक सखी को उनके कार्य हेतु प्रमाण पत्र देते हुए जिले में योजना की शुरुआत की थी.लॉकडाउन के दौरान बैंक सखियों ने 14 हजार 530 ट्रांजैक्शन करते हुए कुल एक करोड़ 64 लाख 7 हजार 609 रुपये का भुगतान हितग्राहियों को किया था.
ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार
जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत जनपद पंचायत कवर्धा में 20, जनपद पंचायत बोड़ला में 24, जनपद पंचायत पंडरिया में 29 और जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा में 19 सहित कुल 92 बैंक सखी अपनी सेवाएं जिले के ग्रामीण अंचलो में दे रहीं है. बैंक सखी महात्मा गांधी नरेगा योजना, सभी समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, गोधन न्याय योजना के हितग्रहियों का भुगतान उनके खाते से बिना बैंक जाए और बिना एटीएम उपयोग किये आधार बेस्ट पेमेन्ट के माध्यम से बायोमैट्रिक से कर रही हैं. बैंक सखी को इस कार्य के लिए संबंधित बैंक पूरे लेन-देन का आधा प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दे रहा है. जो उनके आजीविका का साधन बन गया है.