कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)अजय राय:- कोरबा वैसे तो पूरे प्रदेश सहित देश के कई राज्यो को अपनी बिजली आपूर्ति से जगमगाने वाली ,छत्तीसगढ़ राज्य विधुत्त उत्पादन कम्पनी ने बिजली उत्पादन में कई कीर्तिमान स्थापित किये है।लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन फिसड्डी साबित होता रहा है।हद तो तब हो गयी जब करोनाकाल में ही अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सीय दल में कमी के बावजूद अस्पताल में कार्यरत दो निजी स्टाफ़ पर दबाव बनाकर बिना किसी उचित कारण कार्य से बाहर निकाल दिया गया।इसके अलावा बाह्य चिकित्सा विभाग द्वारा आधे अधूरे मेडिसिन उपलब्ध कराए जाते है।गौरतलब है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बाजपाई चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा बरती जा रही अनिमितता पर चुप्पी साधे हुए है।हद तो तब हो गयी जब विधुत्त कर्मी जायसवाल दम्पति को बिना कोरोना जांच कराए 2 दिन तक वार्ड में भर्ती कर दिया गया। शंका होने पर जब तीसरे दिन जायसवाल दम्पति की कोरोना जांच कराई की गई जहाँ रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया। जिसके पश्चात अस्पताल प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे । आनन फ़ानन में शनिवार से भर्ती जायसवाल दम्पति को मंगलवार रात कोविड सेंटर भेजा गया। व एचटीपीपी चिकित्सालय को बंद कर सेनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू की गयी। साथ ही सभी चिकित्सक व वार्ड में भर्ती मरीजों को होम आईसोलेट करने के निर्देश भी दिए गए। सीएमओ बाजपेई इस पूरे प्रकरण से पल्ला झाड़ने की कोशिश करते नज़र आये यही वजह थी कि उन्होंने मंगलवार शाम से ही अपना मोबाइल बन्द कर मरीजो,अस्पताल स्टॉफ को भगवान भरोसे छोड़कर नो दो गयारह हो गए।वही अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ की अभी तक कोरोना जांच नही करायी गयी है।इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले लोगो से कोरोना का प्रकोप आवासीय परिसर में और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।अस्पताल प्रबंधन की इस घोर लापरवाही का नतीजा कितने लोगों को भुगतना पड़ सकता है ये देखने वाली बात होगी।
कोरबा से अजय राय की रिपोर्ट…….