0 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का मामला
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अवर सचिव के नाम व हस्ताक्षर से फर्जी पत्र जारी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित इस पत्र की कलेक्टर ने जब पुष्टि कराई तो एक नहीं तीन पत्र फर्जी निकले और एफआईआर के निर्देश विभाग के उप सचिव द्वारा दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अवर सचिव सरोजनी टोप्पो के नाम से 12 दिसंबर 2022 को हस्ताक्षरित एक पत्र कोरबा कलेक्टर के नाम जारी हुआ। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के वेतन निर्धारण करने के संबंध में कलेक्टर के द्वारा जारी पत्र क्र. स्था./2022-23/4346 कोरबा, दिनांक 17.11.2022 के संदर्भ में कहा गया कि कोरबा जिले के अंतर्गत कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि स्थापना के विरुद्ध कार्य कर रहे 170 कलेक्टर दर द्वारा निर्धारित मासिक मजदूरी दर/नैमैतिक भृत्य की नियुक्ति तत्समय में प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत व सहायक आयुक्त एवं कोरबा कलेक्टर के द्वारा आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण जिले में संचालित आदिवासी संस्थाओं के बच्चों को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति दी गई है। प्राप्त परिपत्रों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में निहित प्रावधानों का विज्ञापन प्रकाशन आरक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं हुई है तथा उक्त नियुक्तियां वर्ष 1997 के बाद की है। कार्यभारित आकस्मिक निधि अंतर्गत नियमित वेतनमान को आकस्मिक स्थापना पद के विरुद्ध वेतनमान निर्धारण करने के संबंध में अनुमति/सहमति चाही गई है। मजदूरी दर के वेतन निर्धारण संबंधी इस पत्र के अनुसार सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, कोरबा के अधीन कलेक्टर दर पर कार्यरत 170 कर्मचारियों का आकस्मिक निधि कार्यभारित स्थापना में समायोजित कर वेतन निर्धारण की कार्यवाही करते हुए आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय को अवगत कराने कोरबा कलेक्टर को निर्देशित किया गया था।
0 फर्जी पत्रों पर सावधानी बरतने के निर्देश
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतनमान निर्धारण के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं होने पर इन कर्मचारियों ने सहायक आयुक्त कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई। इस दौरान पता चला कि पूर्व जारी पत्र ही फर्जी थे। बता दें कि उक्त पत्रों की पुष्टि करने के लिए कलेक्टर द्वारा 4 जनवरी 2023 को विभागीय मंत्रालय को पत्र लिखा गया। इस विषय पर 19 जनवरी को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय के उप सचिव एमरेंसिया खेस्स के द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि पत्र पुष्टि के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत पाया गया कि उक्त पत्र में अवर सचिव के अंकित हस्ताक्षर फर्जी हैं तथा इस विभाग द्वारा जारी नहीं हुआ है। अत: निर्देशानुसार उक्त तीनों फर्जी पत्रों के संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करें तथा पुलिस थाना कोरबा में एफआईआर दर्ज कर अवगत कराएं। इसकी प्रतिलिपि सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा को भी प्रेषित कर निर्देशित किया गया है कि फर्जी पत्र/पत्राचार अथवा संदेहास्पद पत्रों के संबंध में सावधानी बरती जाए।